उत्तराखंड राज्य ने अपनी स्थापना के 25वें वर्ष, यानी रजत जयंती वर्ष में प्रवेश किया है, और इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यवासियों को बधाई दी। अपने वीडियो संदेश में उन्होंने उत्तराखंड के विकास के प्रति अपने विश्वास को दोहराते हुए कहा कि “यह दशक उत्तराखंड का दशक है” और सरकार इस संकल्प को साकार कर रही है।

प्रधानमंत्री ने उत्तराखंडवासियों और पर्यटकों से नौ आग्रह किए, जिनमें से पाँच आग्रह राज्य के निवासियों से और चार आग्रह पर्यटकों से थे:

उत्तराखंडवासियों से आग्रह:

1. स्थानीय बोलियों का संरक्षण करें और इन्हें अपनी पीढ़ियों को सिखाएं।

2. पर्यावरण के प्रति प्रेम को बनाए रखें; हर महिला को मां नंदा का स्वरूप मानकर एक पेड़ उसके नाम पर लगाएं।

3. नदियों और नौलों का संरक्षण करें।

4. अपनी जड़ों से जुड़े रहें और अपने गांवों का निरंतर दौरा करें, सेवानिवृत्ति के बाद भी।

5. अपने पारंपरिक तिवरी घरों को सहेजें और होमस्टे के माध्यम से आय का साधन बनाएं।

पर्यटकों से आग्रह:

1. यात्रा के दौरान स्वच्छता का ध्यान रखें।

2. वोकल फॉर लोकल के तहत कम से कम पाँच प्रतिशत खर्च स्थानीय उत्पादों पर करें।

3. पहाड़ों में यात्रा करते समय ट्रैफिक नियमों का पालन करें।

4. धार्मिक स्थलों पर रीति-रिवाजों और मर्यादाओं का सम्मान करें।

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प्रधानमंत्री ने राज्य की प्रगति को भी सराहा, जैसे कि जीएसटी संग्रह में वृद्धि, प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि, और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार। जल आपूर्ति, सड़कें, और धार्मिक स्थलों के विकास के अलावा पर्यटन में भी तेजी आई है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष छह करोड़ पर्यटक उत्तराखंड आए, जिनमें 54 लाख चारधाम यात्रा के दौरान आए, जिससे स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिला।उत्तराखंड में यूसीसी और नक़ल विरोधी कानून जैसे सुधार लागू किए गए हैं, जिससे शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में पारदर्शिता आई है।

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