उत्तराखंड: चीन-नेपाल सीमा के गांवों में शुरू हुई BSNL की सेवा, अब भारतीय नेटवर्क से जुड़ेंगे ग्रामीण
भारत के सीमावर्ती गांवों में, जो चीन और नेपाल की सीमा से सटे हैं, अब भारतीय संचार सेवा का लाभ जल्द ही मिलना शुरू हो जाएगा। बीएसएनएल ने छियालेख, ज्योलिंगकांग, नाभिढांग और कालापानी जैसे महत्वपूर्ण सीमांत क्षेत्रों में टावर लगाकर सेवाएं शुरू कर दी हैं। अन्य गांवों को भी जल्द ही संचार सेवा से जोड़ा जाएगा।
पिथौरागढ़ जिले की लगभग 136 किलोमीटर सीमा चीन से और 185 किलोमीटर नेपाल से जुड़ी हुई है। नेपाल ने पहले ही तिंकर और छांगरू जैसे गांवों में संचार सेवाएं शुरू कर दी थीं। सुरक्षा कारणों से भारत ने सीमांत क्षेत्रों में लगाए गए टावरों की रेंज सीमित रखी थी, जिससे धारचूला, गुंजी और पंचेश्वर के कुछ गांवों में सिग्नल की समस्याएं बनी रहीं। इस वजह से कई ग्रामीण नेपाली सिम कार्ड पर निर्भर थे।
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अब बीएसएनएल ने दारमा, व्यास और चौदास घाटियों के अधिकांश गांवों में टावर स्थापित कर दिए हैं। ज्योलिंगकांग में टू जी सेवाएं सुचारु कर दी गई हैं, जबकि छियालेख और नाभिढांग में फोर जी सेवा चालू हो गई है। नेपाल सीमा से सटे कालापानी में भी टू जी सेवाएं शुरू हो गई हैं। यह पहल सीमावर्ती क्षेत्रों को बेहतर संचार सेवाओं से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम है।