Uttarakhand

उत्तराखंड: 24 सालों में 495 योजनाएं कारगर, 368 योजनाएं धामी सरकार ने की चिन्हित

उत्तराखंड की धामी सरकार ने 24 सालों से चल रही 368 योजनाओं को चिन्हित किया है, जो अब केवल नाम मात्र की रह गई हैं। सरकार की योजना है कि इन योजनाओं को या तो मर्ज किया जाएगा या पूरी तरह से बंद किया जाएगा। एनआईएफएम की समीक्षा के बाद पता चला कि 495 योजनाएं वर्तमान जरूरतों के हिसाब से सही हैं, जबकि बाकी 368 योजनाएं अप्रासंगिक हो चुकी हैं। राज्य के 43 विभागों में संचालित कुल 863 योजनाओं की समीक्षा राष्ट्रीय वित्त प्रबंधन संस्थान (एनआईएफएम) द्वारा की गई थी, जिसमें कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण से जुड़े विभाग शामिल थे। एनआईएफएम ने सुझाव दिया कि कई योजनाओं को मर्ज करके अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है, ताकि ये योजनाएं अपने उद्देश्यों को प्राप्त कर सकें। उदाहरण के तौर पर, स्थानीय फसलों को प्रोत्साहित करने वाली योजनाओं को मिलेट्स योजना में मर्ज किया जा सकता है, ताकि किसानों को अधिक लाभ मिल सके।

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