समान नागरिक संहिता: इंटरनेट-विहीन क्षेत्रों में भी पंजीकरण की सुविधा, घर-घर पहुंचेगी सेवा
सरकार ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाने के लिए कई नई योजनाएं और प्रक्रियाएं लागू की हैं। इसके तहत, नागरिक अब अपने घर बैठे मोबाइल के माध्यम से पंजीकरण करा सकते हैं। दूरदराज और इंटरनेट सुविधाविहीन क्षेत्रों में भी यूसीसी की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए जनसेवा केंद्रों के एजेंट घर-घर जाकर पंजीकरण का कार्य करेंगे। साथ ही, ई-मेल और एसएमएस के माध्यम से आवेदन की स्थिति को ट्रैक करने की सुविधा दी गई है। नागरिकों को शिकायत दर्ज कराने का भी विकल्प मिलेगा।
सरल और सुगम पंजीकरण प्रक्रिया के तहत, 10,000 कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) उपयोगकर्ताओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में पंजीकरण संबंधी सेवाएं प्रदान करने के लिए ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों को सब-रजिस्ट्रार के रूप में नियुक्त किया गया है, ताकि नागरिकों को स्थानीय स्तर पर यह सुविधा प्राप्त हो सके।
आधार कार्ड के माध्यम से पंजीकरण की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। साथ ही, नागरिक अपनी शिकायतें ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से दर्ज कर सकते हैं। इसके लिए व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। ब्लॉक स्तर पर 2,000 अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है और 24 जनवरी तक 10,000 सीएससी उपयोगकर्ताओं को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य है।
तकनीकी सहायता के लिए हेल्पलाइन स्थापित की गई है, जबकि कानूनी सहायता के लिए जिला स्तर पर अभियोजन अधिकारियों को नियुक्त किया गया है।
यूसीसी की योजना को सटीकता और प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए 27 मई 2022 को विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने 2 फरवरी 2024 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसके बाद विधेयक 8 मार्च 2024 को विधानसभा में पारित हुआ और 12 मार्च को राष्ट्रपति की मंजूरी प्राप्त हुई।