उत्तराखंड

इस बार चारधाम की यात्रा पर आने वाले यात्रियों को संवेदनशील हो चुके हाईवे पर हिचकोले खाकर करनी पड़ेगी यात्रा, जानिए क्या है व्यवस्था

उत्तराखंड से एक बड़ी खबर सामने आ रही है खबर के मुताबिक बताया जा रहा है कि इस साल चारधाम की यात्रा टूटे हुए पुश्तों और हाईवे के बीच में पड़े बोल्डरों से होकर गुजरेगी। शासन की ओर से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 58/7 पर टूटे पुश्तों के लिए बजट उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। ऐसे में चारधाम की यात्रा पर आने वाले यात्रियों को संवेदनशील हो चुके हाईवे पर हिचकोले खाकर यात्रा करनी पड़ेगी।

बताया जा रहा है कि 12 मई को बदरीनाथ के कपाट खुल रहे हैं। बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर ब्रह्मपुरी से देवप्रयाग तक भ्वींट, बछेलीखाल, सौड़पानी, महादेवचट्टी, सिंगटाली, ब्यासी, शिवपुरी, गूलर, ब्रह्मपुरी में कई स्थानाें पर पुश्ते टूटे हैं। हाईवे पर पुश्ते टूटने के कारण हाईवे डबल लेन की जगह सिंगल लेन का रह गया है।

इसी के साथ राजमार्ग खंड की ओर से इन संवेदनशील स्थानों पर किसी प्रकार के सुरक्षात्मक उपाय भी नहीं किए गए। ऐसे में रात को आकस्मिक सेवा के वाहन चालकों को परेशानी होती है। देवप्रयाग से ऋषिकेश तक करीब पांच से अधिक स्थानों पर हाईवे पर बड़े-बड़े बोल्डर गिरे पड़े हैं। लेकिन इन बोल्डर को तोड़कर हाईवे से हटाने की बजाय एनएच श्रीनगर गढ़वाल ने इन्हें नुमाइश के लिए हाईवे पर रखा है।

वहीं, हाईवे का पुश्ता टूटने और ऊपर पहाड़ी से मलबा गिरने के कारण बछेलीखाल (डोबरी) और ब्यासी बाजार के पास हाईवे सिंगल लेन का हो गया है। बछेलीखाल में तो एक ट्रक भी खतरनाक मार्ग के कारण खाई में गिर चुका है। इन दोनों स्थानों पर सिंगल लेन में चलने के कारण सुबह से शाम तक वाहनों की लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं। उक्त स्थानों पर हाईवे के उबड खाबड़ होने के कारण भारी वाहनों के कमानी टूटने और दुर्घटनाग्रस्त होने का भय बना रहता है।

आपको बता दें कि एनएच श्रीनगर गढ़वाल की ओर से बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुश्ते निर्माण के लिए 12 करोड़ रुपये इस्टीमेट बनाकर शासन को भेजा गया है। बजट आवंटन के बाद पुश्तों का निर्माण कार्य शुरु किया जाएगा। बोल्डर भी हाइवे से हटाए जाएंगे।

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