हाईकोर्ट ने बंदरों और कुत्तों के आंतक से निजात दिलाए वाले मामले कि सुनवाई टाली, जानिए क्या है पूरा मामला।
उत्तराखंड से एक बड़ी खबर सामने आ रही है खबर के मुताबिक बताया जा रहा है कि हाईकोर्ट ने नैनीताल समेत प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में बंदरों और कुत्तों के आंतक से निजात दिलाए जाने के मामले में बृहस्पतिवार को सुनवाई हुई। जी हां आपको बता दें कि कार्यदायी संस्था की तरफ से समय मांगने पर कोर्ट ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई 26 दिसंबर को होगी। कार्यदायी संस्था की ओर से यह कहा गया था कि इस मामले में उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर की गई है जिसकी सुनवाई 21 अक्तूबर को होनी है इसलिए उन्हें इसमें समय दिया जाए।
वहीं, मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। नैनीताल निवासी गिरीश चंद्र खोलिया ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि नैनीताल शहर में कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। अब तक नैनीताल में सैकड़ो लोगों को लावारिस कुत्ते काट चुके है। बता दें कि पिछले कुछ सालों में प्रदेश में लावारिस कुत्तों ने 40 हजार से अधिक लोगों पर हमला किया है। कुछ समय पहले कुत्तों का बधियाकरण भी किया गया था इसके बावजूद इनकी संख्या बढ़ती ही जा रही है।
आपको बता दें कि याचिकाकर्ता की तरफ से कोर्ट को अवगत कराया गया कि नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी (ईओ) और जिला प्रशासन की ओर से पूर्व में दिए गए आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। 40 लावारिस कुत्तों को पकड़कर कुछ दिनों बाद उन्हें छोड़ दिया गया जबकि कोर्ट ने पूर्व में आदेश दिया था कि इनके लिए स्थायी सेल्टर बनाया जाय। इन्हें किसी भी हाल में छोड़ा न जाए।