महाकुंभ: हिमालय से रुद्राक्ष की माला की मांग बढ़ी, बाजारों में रौनक
महाकुंभ क्षेत्र में पूजन सामग्रियों और धार्मिक वस्तुओं की मांग में तेजी आने के साथ ही बाजार सजने लगे हैं। रुद्राक्ष और तुलसी की माला सहित कई सामग्रियां दूसरे राज्यों और नेपाल से मंगाई गई हैं।
महाकुंभ आयोजन में अभी 10 दिन शेष हैं, लेकिन साधु-संतों, श्रद्धालुओं और पर्यटकों का आगमन शुरू हो चुका है। इसके चलते पूजन सामग्रियों की मांग बढ़ गई है। फूल, माला, चंदन, रोली, पीतल के दीपक और अन्य बर्तन, रुद्राक्ष, तुलसी की माला जैसी वस्तुएं प्रमुख रूप से खरीदी जा रही हैं।
व्यापारियों के अनुसार, रुद्राक्ष के पेड़ हिमालयी क्षेत्र में पाए जाते हैं, इसलिए इसे नेपाल और उत्तराखंड से मंगाया जा रहा है। तुलसी की मालाएं मथुरा और वृंदावन से भी लाई जा रही हैं। रोली और चंदन वाराणसी और दिल्ली के पहाड़गंज से, जबकि पीतल और तांबे की घंटियां, दीपक और मूर्तियां बनारस और मुरादाबाद से मंगाई गई हैं।
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दुकानदार हवन सामग्री, आसन, गंगाजली, दोने-पत्तल, कलश जैसी वस्तुएं भी अपनी दुकानों पर स्टॉक कर रहे हैं। धार्मिक पुस्तकों के विक्रेता बताते हैं कि गीता प्रेस की पुस्तकों की सबसे अधिक मांग है। रामचरित मानस, भागवत गीता, शिव पुराण और आरती संग्रह जैसी धार्मिक किताबें खासतौर पर खरीदी जा रही हैं। इसके अलावा वाराणसी के पंचांग की भी काफी मांग है।