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अयोध्या के विकास से यूपी के शहरों का कायाकल्प: 32 हजार करोड़ की परियोजनाओं से काशी, कानपुर और लखनऊ भी शीर्ष पर

हाल ही में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या की रौनक में जबरदस्त उछाल देखा गया है। यहां करीब 32 हजार करोड़ रुपये की लागत से लगभग 200 परियोजनाओं पर काम जारी है। इन विकास योजनाओं ने अयोध्या को देश के सबसे तेजी से उभरते हुए शहरों में शामिल कर दिया है।

प्रदेश के शीर्ष उभरते शहरों में अयोध्या के साथ काशी, कानपुर और लखनऊ भी शुमार हैं, जहां बेहतर कनेक्टिविटी, विश्वस्तरीय बुनियादी सुविधाओं और सुरक्षा के चलते इन शहरों का स्वरूप तेजी से बदल रहा है।रियल एस्टेट की सलाहकार फर्म कोलियर्स इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इन शहरों में आवासीय, वेयरहाउस, डाटा सेंटर, रिटेल और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में व्यापक संभावनाएं हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विकास योजनाओं का अयोध्या पर विशेष प्रभाव पड़ा है। उनके नेतृत्व में अयोध्या में चल रही परियोजनाओं का भौतिक सत्यापन भी समय-समय पर किया जा रहा है।वाराणसी, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है, पिछले 10 वर्षों में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और अन्य विकास परियोजनाओं के माध्यम से पूरी तरह से बदल चुका है।

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गंगा आरती और देव दीपावली मेले जैसे भव्य आयोजनों ने काशी को देश-दुनिया में और भी आकर्षक बना दिया है।कानपुर में सरकार ने चमड़ा उद्योग के प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण पाया है। गंगा के घाटों का सौंदर्यीकरण, मेट्रो सेवा की शुरुआत, एयरपोर्ट और ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे जैसी परियोजनाओं ने कानपुर की कनेक्टिविटी को लखनऊ और दिल्ली से और भी मजबूत किया है।लखनऊ, जो प्रदेश की राजधानी है, वैश्विक निवेश सम्मेलन और जी-20 समिट जैसे बड़े आयोजनों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है। इसने लखनऊ को रियल एस्टेट में भी देश के अग्रणी शहरों में शामिल कर दिया है।

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