राज्योत्सव के तीसरे दिन समापन समारोह में प्रख्यात गायकों पवनदीप और अरुणिता ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। दोनों ने एक के बाद एक सुरीले गीत गाए, जिनमें “मेरी दुआओं से आती है सदा यही, मेरी होके हमेशा ही रहना” जैसे गीतों ने समारोह में एक खास समां बांध दिया। उनकी दिल को छू लेने वाली प्रस्तुतियों ने माहौल को संगीतमय बना दिया और दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
समारोह में उपस्थित दर्शक अपनी पसंदीदा धुनों को सुनने के लिए कलाकारों से अनुरोध करते रहे। देर रात तक चलते कार्यक्रम में पवनदीप और अरुणिता की शानदार प्रस्तुतियों ने हर किसी का मन मोह लिया। इसके पहले, “जादू बस्तर का” नामक कार्यक्रम में बस्तर के विशेष लोक संगीत की प्रस्तुति हुई, जिसने उपस्थित सभी लोगों का दिल जीत लिया। बस्तर की यह मधुर लोकधुनें, जो सदियों से एक मीठी सांगीतिक धरोहर हैं, लोगों के दिलों में बसी रहीं।
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सांस्कृतिक कार्यक्रमों की इस अनूठी प्रस्तुति को दर्शकों ने भरपूर सराहा और कलाकारों को दिल खोलकर प्रोत्साहित किया।