केदारनाथ यात्रा: सोनप्रयाग-गौरीकुंड मार्ग होगा सुरक्षित, भूस्खलन से बचाव के लिए नई योजना तैयार
पिछले वर्ष जुलाई में हुई भारी बारिश के कारण सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक के पाँच किलोमीटर लंबे मार्ग को गंभीर क्षति पहुँची थी। इस मार्ग पर लगभग दस स्थान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए थे, जिनमें से एक स्थान को अधिक नुकसान हुआ। आपातकालीन उपायों से मार्ग को अस्थायी रूप से चालू किया गया था, लेकिन कटाव और भूस्खलन के कारण इसे लंबे समय तक सुरक्षित रखना चुनौतीपूर्ण बना रहा।अब केदारनाथ धाम जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए राहत की खबर है।
इस मार्ग की सुरक्षा और स्थायित्व के लिए 46 करोड़ रुपये की योजना तैयार की गई है। इस योजना के तहत तीन चरणों में काम किया जाएगा। पहले चरण में नदी के कटाव से बचाव के लिए सुरक्षात्मक उपाय किए जाएंगे। दूसरे चरण में भूस्खलन रोकने और ढलान को स्थिर करने का काम होगा। इसके अलावा, पहाड़ों से गिरने वाले पत्थरों को रोकने के लिए विशेष इंतजाम किए जाएंगे। तीसरे चरण में क्षतिग्रस्त सड़क को उसकी पूर्व स्थिति में लाने का कार्य होगा।
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राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इन कार्यों के लिए टीएचडीसी की मदद से एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की है। यह रिपोर्ट सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को भेज दी गई है। साथ ही, पीडब्ल्यूडी द्वारा गौरीकुंड से केदारनाथ और रामबाड़ा से गरुड़चट्टी तक के मार्ग को बेहतर बनाने के लिए अलग से योजनाएँ बनाई जा रही हैं। इन कार्यों के पूरा होने के बाद यात्रा मार्ग न केवल सुरक्षित होगा, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए अधिक सुगम भी बनेगा।