नेशनल गेम्स: उत्तराखंड की सिद्धि बड़ोनी ने कलारीपयट्टू में सिल्वर मेडल जीतकर बढ़ाया मान
उत्तराखंड के युवा अब कलारीपयट्टू में भी प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। इस प्राचीन युद्धकला में प्रदेश के 17 प्रतिभाशाली खिलाड़ी अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं, जिनके कौशल को देखकर दर्शक भी हैरान हैं।
नेशनल गेम्स में आयोजित इस प्रतियोगिता में उत्तराखंड की सिद्धी बड़ोनी ने चुवाडुकल महिला वर्ग में रजत पदक जीतकर प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। सिद्धी, उत्तराखंड सचिवालय में संयुक्त सचिव संतोष बड़ोनी की बेटी हैं।
क्या है कलारीपयट्टू?
कलारीपयट्टू दक्षिण भारत, विशेष रूप से केरल की पारंपरिक युद्धकला है, जिसे लगभग तीन हजार वर्ष पुराना माना जाता है। इसकी उत्पत्ति भगवान परशुराम से जुड़ी हुई मानी जाती है। यह खेल अपने जोखिम भरे करतबों और शारीरिक कौशल के लिए प्रसिद्ध है। हालांकि, इस खेल को अब तक राष्ट्रीय खेलों में औपचारिक रूप से शामिल नहीं किया गया है, जिस पर विवाद भी चल रहे हैं।
उत्तराखंड में बढ़ती लोकप्रियता
कलारीपयट्टू एसोसिएशन उत्तराखंड के अध्यक्ष संतोष बड़ोनी का कहना है कि यह खेल आत्मरक्षा के लिए बेहद उपयोगी है, खासकर बेटियों के लिए। इसे खेलने के लिए अधिक बड़े मैदान की आवश्यकता नहीं होती, इसलिए इसे हर स्कूल तक पहुंचाने का लक्ष्य है, ताकि अधिक से अधिक युवा इसे सीख सकें और इसमें अपना भविष्य बना सकें।