उत्तराखंड

टनकपुर-चंपावत हाईवे पर भूस्खलन से यातायात बाधित, डीएम को टनकपुर में गुजारनी पड़ी रात

उत्तराखंड में टनकपुर-चंपावत हाईवे पर स्वाला के पास लगातार हो रहे भूस्खलन ने यातायात को पूरी तरह से बाधित कर दिया है। पिछले 10 दिनों से मलबा गिरने के कारण सड़क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है, जिससे न केवल यात्रियों को परेशानी हो रही है, बल्कि प्रशासनिक अधिकारियों के लिए भी यह एक चुनौती बन गई है। शनिवार को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए चंपावत जिलाधिकारी नवनीत पांडे सहित अन्य अधिकारियों को मलबा साफ न हो पाने के कारण टनकपुर में रात गुजारनी पड़ी। रविवार को भी छोटे वाहनों की आवाजाही बंद रही, जिसके चलते अधिकारियों को वैकल्पिक मार्गों से मुख्यालय पहुंचना पड़ा।राजमार्ग पर बड़े वाहनों की आवाजाही पर रोकस्वाला के डेंजर जोन में लगातार गिर रहे मलबे के कारण एनएच की ओर से पहाड़ काटकर अस्थायी रास्ता बनाया गया है, लेकिन इससे वाहन निकालना जोखिम भरा साबित हो रहा है। प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर बुधवार तक बड़े भार वाहक वाहनों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगा दी है, जबकि छोटे वाहनों को भी बेहद सावधानी से निकाला जा रहा है। शनिवार शाम से हाईवे पूरी तरह से बंद हो गया था, लेकिन रविवार को दिनभर मलबा हटाने के बाद शाम को 5:10 बजे छोटे वाहनों के लिए रास्ता खोला गया। इस बीच, पिथौरागढ़, धारचूला और मुनस्यारी से आने वाले यात्री वैकल्पिक मार्गों से यात्रा कर रहे हैं। जिलाधिकारी ने किया हाईवे का निरीक्षणरविवार को जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने स्वाला के पास सड़क खोलने के काम का निरीक्षण किया। उन्होंने एनएच के अधिकारियों को जल्द से जल्द हाईवे को चालू करने के निर्देश दिए और कहा कि काम के दौरान सभी सुरक्षा उपायों का ध्यान रखा जाए। इसके साथ ही, डीएम ने यात्रियों से अपील की कि वे बिना किसी आवश्यक कार्य के छोटे वाहनों से भी यात्रा करने से बचें। ग्रामीणों का प्रदर्शनउधर, चौखुटिया में गोदी-खीड़ा और गोदी-तड़ागताल मोटर मार्ग की खराब हालत को लेकर ग्रामीणों ने सड़कों पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही सड़क मरम्मत का काम शुरू नहीं हुआ, तो वे व्यापक आंदोलन करेंगे।

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