उत्तराखंड के नेताओं की पीएम मोदी और अमित शाह से मुलाकातें: शिष्टाचार या सियासी संकेत?
पिछले कुछ हफ्तों में, उत्तराखंड के भाजपा नेता, जिनमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और अन्य प्रमुख मंत्री शामिल हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के लिए दिल्ली का दौरा कर रहे हैं।
इन मुलाकातों ने राजनीतिक हलकों में अटकलों को जन्म दिया है। हाल ही में, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री मोदी से भेंट की, जबकि सीएम धामी ने भी दिल्ली में केंद्रीय नेताओं के साथ बैठक की। धामी के वापस लौटने के कुछ दिनों बाद, कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने भी पीएम से मुलाकात की। उनकी मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुईं, जिससे राज्य में चर्चा का विषय बन गईं।पार्टी के कुछ अन्य वरिष्ठ नेता, जैसे गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, और रमेश पोखरियाल निशंक भी दिल्ली में केंद्रीय नेताओं से मिले।
तीरथ सिंह रावत, नरेश बंसल, और त्रिवेंद्र सिंह रावत जैसी हस्तियों ने भी प्रधानमंत्री से मुलाकात की। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इन बैठकों के पीछे कोई महत्वपूर्ण राजनीतिक कारण हो सकता है, हालांकि इसका स्पष्ट जवाब अभी तक सामने नहीं आया है। कुछ लोग इसे केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव से जोड़कर देख रहे हैं, जबकि कुछ इसे राज्य में संभावित कैबिनेट विस्तार से संबंधित मान रहे हैं।मुख्यमंत्री धामी ने कैबिनेट विस्तार के सवाल पर कहा कि वे केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय से राज्य की परियोजनाओं पर चर्चा के लिए दिल्ली जा रहे हैं।
इसके बावजूद, पिछले कुछ दिनों में धामी से कई विधायकों ने मुलाकात की है, जिनमें कुछ वरिष्ठ विधायक भी शामिल हैं जिन्हें मंत्री पद का दावेदार माना जा रहा है। इन मुलाकातों को लेकर सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा कि पीएम के साथ राजनीति से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन उन्होंने विवरण साझा नहीं किया।
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कुल मिलाकर, इन बैठकों को सिर्फ शिष्टाचार मुलाकात का नाम दिया गया है, लेकिन राजनीतिक हलकों में इसे सामान्य नहीं माना जा रहा है। इन बैठकों के पीछे के राजनीतिक उद्देश्य को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं, जो आने वाले समय में स्पष्ट हो सकती हैं।