नेपाल के बैतड़ी में 14 साल की विवाहिता ने जुड़वा बच्चों को दिया जन्म, मां और बच्चे स्वस्थ
नेपाल के बैतड़ी जिले में एक 14 वर्षीय विवाहिता ने जुड़वा बच्चों को जन्म देकर सभी को हैरान कर दिया है। यह घटना नेपाल और भारत की सीमा के पास स्थित है, जहां कम उम्र में मातृत्व से जुड़ा यह मामला चर्चा का विषय बन गया है।
कम उम्र में मातृत्व से जुड़ी दुर्लभ घटना
बैतड़ी जिले के पाटन नगरपालिका की 14 वर्षीय विवाहिता ने स्थानीय अस्पताल में जुड़वा बच्चों को जन्म दिया है। यह खबर पूरे इलाके में तेजी से फैल गई है, क्योंकि इतनी कम उम्र में बच्चों को जन्म देना काफी दुर्लभ माना जाता है। डडेलधुरा अस्पताल की वरिष्ठ नर्सिंग निरीक्षक बालकुमारी बस्याल ने बताया कि जुड़वा बच्चों में से एक का वजन 1.900 किलोग्राम है, जबकि दूसरे का वजन 1.700 किलोग्राम है। स्वास्थ्य परीक्षण के बाद यह पुष्टि की गई है कि जच्चा और बच्चे दोनों स्वस्थ हैं।
प्रेम विवाह के बाद जुड़वा बच्चों का जन्म
जानकारी के अनुसार, 14 वर्षीय विवाहिता का पिछले वर्ष प्रेम विवाह हुआ था। कम उम्र में विवाह और अब जुड़वा बच्चों के जन्म ने पूरे क्षेत्र में इस घटना को चर्चा का विषय बना दिया है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, ऐसी घटनाएं स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं को जन्म दे सकती हैं, लेकिन सौभाग्य से इस मामले में सभी स्वस्थ हैं और कोई बड़ी चिकित्सीय समस्या नहीं आई है।
स्वास्थ्य विभाग की नजर
इस मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग भी सतर्क है। विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी कम उम्र में गर्भधारण करना न केवल मां के लिए, बल्कि बच्चों के लिए भी खतरनाक हो सकता है। बालकुमारी बस्याल ने बताया कि चिकित्सकीय दृष्टिकोण से यह एक चुनौतीपूर्ण स्थिति थी, लेकिन उनकी टीम ने पूरी देखभाल और निगरानी के साथ मां और बच्चों का सफलतापूर्वक इलाज किया।
सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी चिंता
इस घटना ने क्षेत्र में बाल विवाह और कम उम्र में गर्भधारण के मुद्दों को एक बार फिर सामने लाया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया है कि कम उम्र में गर्भधारण से जच्चा-बच्चा दोनों को कई स्वास्थ्य जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में जागरूकता फैलाने की जरूरत है ताकि कम उम्र में शादी और गर्भधारण की घटनाओं को रोका जा सके।
परिवार और समाज में उत्साह
हालांकि, इस घटना के बावजूद, परिवार और स्थानीय समाज में इस खबर को लेकर खुशी का माहौल है। बच्चों के जन्म के बाद से ही पूरे गांव में यह चर्चा का विषय बना हुआ है और लोगों के बीच जुड़वा बच्चों के जन्म को लेकर उत्सुकता है। यह घटना बाल विवाह और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने का एक अवसर प्रदान करती है, और इस बात की याद दिलाती है कि समाज में जागरूकता और स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को और मजबूत करना कितना जरूरी है।
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