Uttarakhand

देहरादून: राजभवन में मना संविधान दिवस, राज्यपाल ने किया नागरिक कर्तव्यों पर जोर

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि संविधान में उल्लेखित मौलिक कर्तव्यों का पालन करना प्रत्येक नागरिक का प्रमुख दायित्व है। उन्होंने भारत के संविधान को एक सशक्त और लोक कल्याणकारी दस्तावेज बताया।

संविधान दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल ने अधिकारियों और कर्मचारियों को संविधान के कर्तव्यों और दायित्वों की शपथ दिलाई। इस अवसर पर उन्होंने संविधान की उद्देशिका का पाठ किया और कहा कि आज का दिन, 26 नवंबर 1949, भारतीय संविधान को अपनाने का ऐतिहासिक दिन है।

उन्होंने संविधान के मुख्य निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर सहित अन्य महान संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि भारतीय लोकतंत्र की आत्मा संविधान में बसती है। संविधान के निर्माण में कई मनीषियों के विचार और परिश्रम का योगदान है, जिसने इसे एक मजबूत और लोक कल्याणकारी दस्तावेज का रूप दिया।

राज्यपाल ने कहा कि संविधान दिवस हमें संविधान के आदर्शों, सिद्धांतों और कर्तव्यों को आत्मसात करने की प्रेरणा देता है। उन्होंने इसे विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान बताते हुए इसे भारत के भविष्य का मार्गदर्शक कहा।

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उन्होंने नागरिकों से संविधान के अनुच्छेद 51(क) में वर्णित मौलिक कर्तव्यों को समझने और उनका पालन करने का आग्रह किया। राज्यपाल ने कहा कि संविधान के मूल्यों को अपनाते हुए संविधान निर्माताओं के विश्वास और उद्देश्यों को बनाए रखना हर नागरिक का कर्तव्य है।

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