चोपता-तुंगनाथ में दिखा कजाकिस्तान का हिमालयन बजर्ड, शीतकाल में करेगा प्रवास
सर्दी बढ़ने के साथ, कजाकिस्तान के हिमालयन बजर्ड ने हिमालय की वादियों में अपना ठिकाना बना लिया है। यह पक्षी तुंगनाथ घाटी में मार्च तक प्रवास करेगा और इस दौरान अपने वंश का विस्तार भी करेगा। चोपता, मक्कू और चंद्रशिला की खूबसूरत वादियों में इसकी उड़ानें देखी जा सकती हैं।
इसके साथ ही, अन्य कई पक्षी प्रजातियां भी इस क्षेत्र में पहुंच रही हैं। जबकि हिमालय के ऊपरी क्षेत्रों में ठंड बढ़ने से कुछ पक्षी निचले इलाकों की ओर प्रवास कर रहे हैं। रुद्रप्रयाग जिले के 3,000 से 14,000 फीट की ऊंचाई वाले क्षेत्रों, जैसे पुनाड़ गदेरा, काकड़ागाड़, मक्कू, मस्तूरा, और चोपता, में पक्षियों की सैकड़ों प्रजातियां पाई जाती हैं।
यहां रेड हेडेड बुलफिंच, डार्क-ब्रेस्टेड रोजफिंच, पिंक ब्राउड रोज फिंच, स्पॉट फिंच, हिमालयन ग्रीन फिंच, चीर फीजेंट, माउंटेन हॉक ईगल, स्टेपी ईगल, नट कैकर और यूरीशन जे जैसे पक्षी मौसमी प्रवास करते हैं।
पक्षी विशेषज्ञ यशपाल सिंह नेगी के अनुसार, मक्कू से तुंगनाथ तक का इलाका नेस्टिंग के लिए बहुत अनुकूल है। यही कारण है कि हिमालयन बजर्ड सहित कई पक्षी इस क्षेत्र में प्रवास करते हैं। हिमालय की ठंड में मैदानों से आई कुछ प्रजातियां यहां नेस्टिंग करती हैं, जबकि स्थानीय पक्षी ठंड से बचने के लिए नीचे के इलाकों में चले जाते हैं।
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कजाकिस्तान का हिमालयन बजर्ड अगले चार महीने तक तुंगनाथ घाटी में रहेगा और अपने वंश का विस्तार करेगा। इस अद्वितीय प्रवासी पक्षी का यह वार्षिक प्रवास पक्षी प्रेमियों और विशेषज्ञों के लिए अध्ययन और आनंद का एक विशेष अवसर प्रदान करता है।