संसद की प्रमुख वित्तीय समितियों का गठन: कांग्रेस और भाजपा को मिली महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ
संसद की प्रमुख वित्तीय समितियों जैसे लोक लेखा समिति, सार्वजनिक उपक्रम समिति और प्राक्कलन समिति का पुनर्गठन हो गया है। इन समितियों का मुख्य कार्य सरकारी खातों और सार्वजनिक उपक्रमों के संचालन पर निगरानी रखना होता है।
इस बार कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल को लोक लेखा समिति (पीएसी) का अध्यक्ष बनाया गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अधिकांश समितियों की अध्यक्षता अपने पास रखी है। भाजपा के संजय जायसवाल को प्राक्कलन समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जबकि बैजयंत पांडा को सार्वजनिक उपक्रम समिति (सीओपीयू) की अध्यक्षता मिली है। लोकसभा सचिवालय द्वारा शुक्रवार को जारी किए गए बुलेटिन में इन समितियों के गठन की जानकारी दी गई।
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इन वित्तीय समितियों के अलावा, अन्य महत्वपूर्ण समितियों का भी गठन किया गया है। इनमें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अनुसूचित जाति (एससी) एवं अनुसूचित जनजाति (एसटी) के कल्याण के लिए बनी समितियां शामिल हैं। ओबीसी कल्याण समिति की अध्यक्षता भाजपा के गणेश सिंह को मिली है, जबकि एससी/एसटी कल्याण समिति के अध्यक्ष फग्गन सिंह कुलस्ते होंगे। संसदीय समितियों का कार्यकाल एक वर्ष का होता है, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल होते हैं। इनके अलावा, विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों पर निगरानी रखने के लिए स्थाई समितियां भी गठित की गई हैं।