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कोर्ट के आदेश की अवहेलना और दलित उत्पीड़न के मामलों में दोषियों को सजा

आगरा, उत्तर प्रदेश में कोर्ट का आदेश न मानने पर दो आरोपियों को सजा दी गई। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) ने हरीपर्वत थाना क्षेत्र के नवीशाह की दरगाह निवासी जफर उर्फ शानू और लंगड़े की चौकी निवासी राहुल को दोषी पाया और दोनों को तीन-तीन साल की कैद की सजा सुनाई। यह मामला तब सामने आया जब कोर्ट से धारा 82 की नोटिस जारी होने के बाद भी दोनों आरोपी कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। पुलिस ने घर पर नोटिस भी पहुँचाया था, फिर भी वे अनुपस्थित रहे, जिसके चलते उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।इसके अलावा, दलित उत्पीड़न और मारपीट के मामले में भी एक और दोषी को सजा सुनाई गई।

विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट के तहत इरादत नगर थाना क्षेत्र के खेड़िया गाँव निवासी गिर्राज सिंह को चार साल की जेल और 41 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। यह मामला तब सामने आया जब सफाईकर्मी मानिक चंद, जो गाँव में सफाई का कार्य करता था, काम पर न आने के कारण गिर्राज सिंह और उसके पिता ने उसके घर में घुसकर गाली-गलौज और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया।

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पुलिस ने मामले की जाँच के बाद आरोप पत्र अदालत में पेश किया, जिसके बाद अदालत ने दोषी को सजा दी।

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