भूस्खलन त्रासदी: टिहरी में राहत और बचाव कार्यों की चुनौतियां
शनिवार को टिहरी जिले के बूढ़ा केदार क्षेत्र में भूस्खलन की घटना ने एक परिवार को तबाह कर दिया, जब एक माँ और बेटी अपने घर में घुसे मलबे में दबकर मारी गईं।
इसी क्षेत्र में, धर्मगंगा नदी के उफान में एक अन्य माँ-बेटी बह गईं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस विनाशकारी भूस्खलन और भारी बारिश की स्थिति के बारे में विधायक घनसाली शक्ति लाल शाह और जिलाधिकारी मयूर दीक्षित से जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रभावित क्षेत्रों में संवेदनशील गांवों की पहचान करके लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए। गौरतलब है कि इस आपदा के कारण गांव के 50 से अधिक परिवारों को राजकीय इंटर कॉलेज विनयखाल में स्थापित आपदा राहत शिविर में स्थानांतरित किया गया है, जहां 70 से अधिक लोग शरण लिए हुए हैं।
राहत एवं बचाव कार्यों की प्राथमिकता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय और टिहरी के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित को राहत और बचाव कार्यों को प्रभावी ढंग से संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रभारी मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को भी घटनास्थल पर जाकर हालात का जायजा लेने के लिए कहा। मुख्यमंत्री धामी ने आदेश दिया कि प्रभावित गांवों की तात्कालिक पहचान कर वहाँ के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए। मुख्यमंत्री धामी ने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि स्थानीय निवासियों के साथ मवेशियों और अन्य पालतू जानवरों की सुरक्षा का भी ध्यान रखा जाए।
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उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि राहत कैंप में बिजली और पेयजल जैसी आवश्यक सुविधाओं की प्राथमिकता के आधार पर व्यवस्था की जाए और प्रभावित लोगों को राहत राशि का त्वरित वितरण किया जाए।