पंजाब में पराली जलाने पर मुख्यमंत्री मान की केंद्र से अपील: कहा- “समस्या हल करने के लिए उत्तर भारत की बैठक बुलाई जाए”
पंजाब के चीफ सेक्रेटरी केएपी सिन्हा ने डिप्टी कमिश्नरों से सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के अनुसार पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ अब तक की गई कार्रवाई पर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने हर जिले से किसानों के खिलाफ रेवेन्यू रिकॉर्ड में की गई रेड एंट्री और एफआईआर की रिपोर्ट तलब की है।
पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि हो रही है, और अब तक कुल मामलों की संख्या 1348 तक पहुंच गई है। शुक्रवार को 59 नए मामले सामने आए। इस साल पराली जलाने के मामलों का आंकड़ा पिछले वर्ष 2023 के रिकॉर्ड के करीब है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पराली जलाने की समस्या के लिए केवल पंजाब को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने केंद्र सरकार से इस समस्या का समाधान निकालने की अपील की और कहा कि प्रधानमंत्री को पूरे उत्तर भारत के राज्यों की बैठक बुलानी चाहिए। मान ने यह भी बताया कि पंजाब के किसान धान की जगह वैकल्पिक फसलें उगाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें उचित एमएसपी नहीं मिलती।
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि पराली जलाने से बचने के लिए किसानों को केंद्र और राज्य सरकार की ओर से मुआवजा मिलना चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि एनजीटी के एक पूर्व जस्टिस के आदेश के अनुसार, पंजाब में पराली जलाने से दिल्ली में प्रदूषण नहीं होता।
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पराली जलाने की घटनाओं से पंजाब के छह शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) येलो जोन में आ गया है। सबसे ज्यादा 174 AQI मंडी गोबिंदगढ़ में दर्ज किया गया, जबकि अमृतसर, बठिंडा, जालंधर, खन्ना और पटियाला में भी AQI उच्च स्तर पर रहा।