महाकुंभ में संगम घाट पर भगदड़, कई श्रद्धालु हताहत
मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर संगम तट पर हुए बड़े हादसे ने पूरे क्षेत्र में कोहराम मचा दिया। भगदड़ के कारण कई श्रद्धालुओं की जान चली गई, जबकि सैकड़ों घायल हो गए। घटना के बाद राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है।
सुबह साढ़े सात बजे तक 31 शव कॉल्विन अस्पताल की मर्चरी में पहुंच चुके थे, हालांकि प्रशासन ने अब तक मृतकों की आधिकारिक संख्या की पुष्टि नहीं की है। घायलों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। 40 से अधिक एंबुलेंस लगातार घायलों को अस्पताल पहुंचाने में लगी हुई हैं।
कैसे हुआ हादसा?
रात एक से दो बजे के बीच संगम नोज घाट पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालु पोल नंबर 11 से 17 के बीच स्नान के लिए आगे बढ़ रहे थे, तभी पीछे से अचानक तेज गति में भीड़ का दबाव बढ़ गया। कुछ लोग असंतुलित होकर गिर पड़े और भगदड़ मच गई। कई श्रद्धालु एक-दूसरे के ऊपर गिरते चले गए, जिससे गंभीर हादसा हो गया।
मौके पर तैनात पुलिसकर्मी स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन हालात बिगड़ चुके थे। एंबुलेंस को तुरंत बुलाया गया और घायलों को पास के अस्पतालों में भेजा गया। डॉक्टरों ने 17 लोगों को मृत घोषित कर दिया, जिनमें 12 महिलाएं और 5 पुरुष शामिल थे।
श्रद्धालुओं में आक्रोश, अखाड़ों ने किया स्नान का बहिष्कार
घटना से आक्रोशित श्रद्धालु प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। कई अखाड़ों ने अमृत स्नान का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। उनका कहना है कि भीड़ नियंत्रण में लापरवाही बरती गई, जिससे यह त्रासदी हुई।
मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री ने जताया दुख
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए श्रद्धालुओं से संयम बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि संगम नोज पर भीड़ न बढ़ाएं और पास के घाटों पर ही स्नान करें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुख्यमंत्री से फोन पर बात कर स्थिति का जायजा लिया और हरसंभव मदद का भरोसा दिया।
राज्य सरकार ने हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और पीड़ितों को हरसंभव सहायता देने की बात कही है। वहीं, प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और मेले की व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें।