बदरीनाथ धाम में तीन फीट बर्फ जमी, मौसम खुलने के बावजूद बढ़ीं समस्याएं
कड़ाके की ठंड में राहत मिली है, लेकिन बर्फबारी वाले क्षेत्रों में शीतलहर अभी भी बनी हुई है। बदरीनाथ धाम और अन्य ऊंचे इलाकों में बर्फ की चादर बिछ गई है, जबकि केदारनाथ धाम में ढाई फीट बर्फ जमा हो गई है। दो दिन से हो रही बारिश और बर्फबारी के कारण ग्रामीण इलाकों में समस्याएं बढ़ गई हैं। निजमुला घाटी के कई गांवों में खेत, सड़कें और रास्ते बर्फ से ढक गए हैं, जिससे लोगों को आवाजाही में मुश्किलें हो रही हैं। महिलाओं को सूखी लकड़ी और चारापत्ती लाने में कठिनाई हो रही है।
धूप खिलने के बाद कड़ाके की ठंड में थोड़ी राहत मिली है, लेकिन बर्फबारी वाले क्षेत्रों में शीतलहर अब भी जारी है। बदरीनाथ धाम में तीन फीट तक ताजी बर्फ जम चुकी है और तापमान माइनस 14 तक पहुंच चुका है। नीती और माणा गांव भी बर्फ से ढके हुए हैं। औली में बर्फबारी से पर्यटकों की संख्या बढ़ गई है।
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बर्फबारी के कारण बदरीनाथ हाईवे हनुमान चट्टी से आगे और मलारी हाईवे भापकुंड से आगे बंद हैं। प्रशासन ने चमोली-मंडल-ऊखीमठ-कुंड हाईवे पर बर्फ हटाकर वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी है, लेकिन पाला जमने से रास्ते खतरनाक हो गए हैं। केदारनाथ धाम में ढाई फीट बर्फ जमा है, जिससे सभी पुनर्निर्माण कार्य बंद हैं। मौसम साफ होने के बाद ही मजदूरों को फिर से भेजा जा सकता है।