Breaking newsUttarakhandउत्तराखंड

असम में बाढ़ से हाहाकार, अब तक 52 लोगों की मौत; हजारों के उजड़ गए घर। जान पूरा ममला।

असम में भयंकर बाढ़ की स्थिति के कारण लोग परेशान हैं। कई लोगों के बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है वहीं सड़कें भी बंद हो गई हैं। फसलें नष्ट हो गई हैं और पशुधन को भी बड़ी मात्रा में नुकसान हुआ। बाढ़ की वजह से सैकड़ों लोग बेघर हैं। लोग अपना घर छोड़कर अस्थाई स्थान पर रहने को मजबूर हैं।

असम में पिछले एक महीने से भयंकर बाढ़ की स्थिति के कारण लोगों का हाल बेहाल है। कई लोगों के बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है, वहीं सड़कें भी बंद हो गई हैं। फसलें नष्ट हो गई हैं और पशुधन को भी बड़ी मात्रा में नुकसान हुआ। बाढ़ की वजह से सैकड़ों लोग बेघर हैं।

असम के रहने वाले 39 वर्षीय जुब्बर अली अपनी दो बेटियों, पत्नी और बीमार मां के साथ असम के बारपेटा जिले में तटबंध पर शरण ले रहे हैं, क्योंकि बाढ़ और नदी के कटाव ने उनका घर तबाह कर दिया है।

एक महीने पहले ही जुब्बर और उनका परिवार एक पक्के घर में रहता था। हालांकि, ब्रह्मपुत्र नदी में उनका घर बह जाने के बाद बाढ़ के पानी ने उन्हें बेघर होने पर मजबूर कर दिया। शुरुआत में, उन्होंने दूसरे ग्रामीण के घर में शरण ली, लेकिन बाढ़ के पानी ने उस घर को भी डुबो दिया। अब वे बारपेटा जिले के चेंगा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत रौमारी पाथर इलाके में तटबंध पर एक अस्थायी तंबू में रह रहे हैं।

रौमारी पाथर इलाके में लगभग 100 परिवार ऐसी ही समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जिन्होंने पिछले 1-2 महीनों में ब्रह्मपुत्र नदी के कटाव में अपने घर खो दिए हैं।जुब्बार अली ने कहा कि 1-2 महीने के भीतर ही करीब 100 परिवार कटाव के कारण अपने घर खो चुके हैं और अब वे राहत शिविरों या अन्य सुरक्षित स्थानों पर रह रहे हैं।

यह भी पढ़ें –मुंबई में टला बड़ा रेल हादसा, कसारा स्टेशन के पास पंचवटी एक्सप्रेस के डिब्बे हुए अलग। जाने पूरा मामला।

नाले में डूबे आठ साल के मासूम अभिनाश की खोज जारीभयंकर बाढ़ से जूझ रहे असम में जनजीवन अस्त-व्यस्त है। उधर गुवाहाटी में नाले में डूबे आठ साल के मासूम अभिनाश की खोज जारी है। अभिनाश को लापता हुए तीन दिन हो चुके हैं, लेकिन अभी तक उसका कुछ अता-पता नहीं है।

पिता को बेटे की चप्पलें मिलींअभिनाश के पिता हीरालाल सरकार अकेले ही बेटे को खोजने के लिए प्रयास कर रहे हैं। खोजबीन करते हुए उन्हें अपने बेटे की चप्पलें मिली हैं। हीरालाल ने कहा, “मैं लोहे की रॉड से खोज कर रहा हूं और अपने बेटे की चप्पलें ही ढूंढ पाया हूं। मैं उसे रॉड से नहीं ढूंढ सकता। सरकार के पास मशीनरी है, उन्हें मेरे बेटे को ढूंढना ही होगा।” उन्होंने सत्यापन के लिए बेटे की चप्पलें पुलिस को सौंप दी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *