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खबर उत्तराखंड से है जहाँ ऋषिकेश के गंगा भोगपुर में नीरज फॉरेस्ट रिजॉर्ट में जांच के लिए प्रशासन की टीम पहुँच चुकी है।इस दौरान एसडीम प्रमोद कुमार ने कर्मचारियों के दस्तावेजों की भी जांच की मौके पर तहसीलदार मनजीत सिंह गिल भी मौजूद रही। इस दौरान रिजॉर्ट में चल रहे स्पा सेंटर में काम करने वाले कर्मचारियों के दस्तावेज नहीं मिले। वहीं, ग्राहकों का विजिटिंग रजिस्टर भी मौके पर नहीं मिला। स्पा सेंटर में मौके पर प्रशिक्षित कर्मचारी भी नहीं मिले। जिसके चलते अब प्रशासन आयुर्वेदिक वैलनेस सेंटर के नाम चल रहे इस स्पा सेंटर को सील करने जा रहा है।

बदरीनाथ हाईवे पर धरने पर बैठ गए थे विभिन्न संगठन के लोग
अंकिता हत्याकांड को लेकर लोगों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है। विभिन्न संगठनों के लोग सुबह बदरीनाथ हाईवे पर धरने पर बैठ गए। वहीं, बदरीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी ने प्रदेश सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि पौड़ी जिले से भाजपा विधायक गायब हैं। दो कैबिनेट मंत्री और स्पीकर हैं, लेकिन कोई भी लोगों से वार्ता करने नहीं पहुंचे।


अंकिता के पिता ने धरना स्थल पर पहुंच लोगों से की थी अपील
इस दौरान अंकिता के पिता भी धरनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने लोगों से जाम खोलने की अपील की। लेकिन लोग जाम खोलने को तैयार नहीं है। वहीं, लोगो ने पुलिस पर परिजनों पर दबाव डालने का आरोप लगाया। उधर, रुद्रप्रयाग के खांकरा से भी लोगों ने हाइवे पर जाम लगा दिया।
आखिरकार अंकिता के पिता की अपील करने के बाद आक्रोशित लोगों का गुस्सा शांत हुआ। अंकिता के अंतिम संस्कार के लिए सभी तैयार हो गए हैं। एनआईटी घाट पर अंकिता के भाई ने मुखाग्नि दी। वहीं दूसरी ओर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक में होगी।

प्राइमरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हो सकती है फेरबदल
अंकिता भंडारी के परिजनों ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। उनका मानना है कि प्राइमरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फेरबदल हो सकती है। इसके चलते अंकिता के भाई ने सरकार से दोबारा पोस्टमार्टम कराने की मांग उठाई है। वहीं, अंकिता के पिता का कहना है कि प्रशासन ने जल्दबाजी में रिजॉर्ट में अंकिता का कमरा तोड़ दिया। उसमें सबूत हो सकते थे। अब जब पोस्टमार्टम की फाइनल रिपोर्ट आएगी तब ही अंकिता का अंतिम संस्कार किया जाएगा । वहीं, प्रशासन की टीम अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को मनानाने में जुटी है।


वाहवाही लूटने के चक्कर में तोड़ा गया कमरा, साक्ष्य मिटाने की करी गई कोशिश
वनंत्रा रिजॉर्ट में जेसीबी चलाकर आगे के कमरे को तोड़ दिया गया। इसी कमरे में अंकिता रहती थी। जांच के लिए पुलिस ने इस कमरे को सील किया था। लेकिन वाहवाही लूटने के चक्कर में कमरे को तोड़ कर सारे सबूत नष्ट कर दिए गए।

शुक्रवार रात को वनंत्रा रिजॉर्ट पर जेेसीबी चला दी गई थी।अभी पुलिस मामले की जांच कर रही है। ऐसे में रिजॉर्ट और अंकिता के कमरे से पुलिस ने फोरेंसिक नमूने जब्त कर सील कर दिया था। मृतक और अपराधी जिस स्थान पर अंतिम बार दिखाई दिए, वहां फोरेंसिक और मैटेरियल साक्ष्य मिलने की प्रबल संभावना होती है।यही कारण था कि प्रशासन ने रिजॉर्ट को सील करने के आदेश दिए थे। लेकिन रिजॉर्ट को जेसीबी से तोड़ दिया। जेसीबी ने पहला कमरा वह तोड़ा, जिसमें अंकिता रहती थी। अब पूरा कमरा खुला पड़ा है, सारा सामान जमीन पर बिखरा है और कमरा मलबे से भरा पड़ा है। ऐसे में अब पुलिस के लिए मौके से साक्ष्य एकत्र करना आसान नहीं है। ऐसे में नियमानुसार साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ करना एक अपराध है। हालांकि प्रशासन मामले की जांच कर रहा है। एसएसपी शेखर सुयाल ने बताया कि प्रशासन की जांच के बाद आरोपी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

वनंत्रा रिजॉर्ट का आगे का ढांचा तोड़ने के बाद जेसीबी को रोक गया था । उसके बाद सुबह जेसीबी रिजॉर्ट के बाहर खड़ी रही। लेकिन रिजॉर्ट के बाकी बचे हिस्से को नहीं तोड़ा। इसके बाद जेसीबी चली गई। स्थानीय लोगों का आरोप है कि जेसीबी से रिजॉर्ट गिराकर साक्ष्य मिटाने का प्रयास किया है।

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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सरकार पर उठाए सवाल

वहीं अब इस मामले में पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी कई सवाल उठाए हैं।उन्होंने सरकार से सवाल किए की………

  1. जब चीला से अंकिता नहीं लौटी, अभियुक्त अकेले आया तो सारे रिजॉर्ट और आस-पास ये चर्चा हो गई कि अंकिता को नहर में डाल दिया गया है, फिर भी स्थानीय पटवारी को छुट्टी पर क्यों जाने दिया?
  2. प्रशासन को मीडिया के सारे घटनाक्रम छपने के बाद भी अभियुक्त को गिरफ्तार करने में इतना वक्त क्यों लगा ?
  3. अभियुक्त को पुलिस कस्टडी के बजाए ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजने का निर्णय किस स्तर पर लिया गया ?
  4. अंकिता का शव खोजने में जो विलंब हुआ, वह साक्ष्य मिटाने की कड़ी तो नही है ?
  5. अपराधी के कहीं अपराधों के साक्ष्य स्थल पर बुलडोजर फिराने और लोगों को आग लगाने के लिए उकसाने के पीछे कौन है और यह कृत्य किसके हाथों से हुआ?
  6. अभियुक्त को छात्र जीवन से ही मिले राजनीतिक संरक्षण देने वाले संरक्षकों के चेहरे भी क्या बेनकाब होंगे ?
  7. पुलिस ने अभी अभियुक्त का पुलिस रिमांड क्यों नहीं मांगा ?
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