उत्तराखंड: बदरीनाथ की शीतकालीन यात्रा में बढ़ी श्रद्धालुओं की संख्या, पड़ावों पर रही रौनक
इस बार बदरीनाथ धाम की शीतकालीन यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है, जिससे स्थानीय पर्यटन और व्यवसाय को भी बढ़ावा मिला है।
योग बदरी मंदिर पांडुकेश्वर और ज्योतिर्मठ के नृसिंह मंदिर में श्रद्धालुओं की आवाजाही बनी हुई है। इस वर्ष जनवरी तक लगभग 13 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे हैं, जो कि पिछले वर्ष के 8 हजार की तुलना में कहीं अधिक है। सरकार ने भी इस बार शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए, जिसके परिणामस्वरूप यात्रियों की संख्या में इजाफा हुआ।
औली, तपोवन और अन्य पर्यटन स्थलों पर जाने वाले पर्यटक भी शीतकालीन धार्मिक स्थलों के दर्शन कर रहे हैं। इस कारण चमोली, पीपलकोटी, हेलंग, ज्योतिर्मठ और पांडुकेश्वर में श्रद्धालुओं की चहल-पहल देखी जा रही है।
चारधाम होटल एसोसिएशन के सदस्यों और स्थानीय होटल व्यवसायियों का कहना है कि शीतकालीन यात्रा को लेकर लोगों में रुचि बढ़ रही है। वहीं, बदरीनाथ धाम के पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल के अनुसार, योगबदरी मंदिर और ज्योतिर्मठ में पूजन व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित की जा रही है।
इस बार यात्रा का लाभ स्थानीय युवाओं को भी मिल रहा है। नीती घाटी के मलारी और उर्गम घाटी में स्थानीय युवा होमस्टे का संचालन कर रहे हैं, जिससे वे अच्छी कमाई कर पा रहे हैं। उर्गम घाटी के युवाओं का मानना है कि यदि हेलंग-उर्गम सड़क की स्थिति में सुधार किया जाए, तो यात्रा और भी सुविधाजनक हो सकती है। मलारी के मोहन सिंह के अनुसार, इस पहल से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न हो रहे हैं।