हल्द्वानी में साइबर ठगी का खुलासा, फर्जी खातों के जरिए लाखों की हेराफेरी; छह गिरफ्तार - Hindustan Prime
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हल्द्वानी में साइबर ठगी का खुलासा, फर्जी खातों के जरिए लाखों की हेराफेरी; छह गिरफ्तार

मुखानी पुलिस और एसओजी ने एक साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो फर्जी आधार कार्ड और जाली दस्तावेजों के जरिए बैंक में चालू खाते खोलकर ठगी की रकम जमा करता था। पुलिस ने मुखानी इलाके से गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया, जो उत्तर प्रदेश के लखनऊ, देवरिया और शाहजहांपुर के रहने वाले हैं।

गिरोह का तरीका
गिरोह के सदस्य पहले फर्जी आधार कार्ड तैयार करते थे और फिर दुकानों की तस्वीरें लेकर उद्यम विभाग में फर्जी रजिस्ट्रेशन कराते थे। इन दस्तावेजों के आधार पर अलग-अलग बैंकों में खाते खोले जाते थे, जहां साइबर ठगी की रकम जमा की जाती थी। गिरोह के सरगना चार्ली उर्फ केके को ये लोग डेबिट कार्ड और चेकबुक सौंप देते थे, जिसके बदले उन्हें 25 हजार रुपये नकद मिलते थे। इसके अलावा, ट्रांजेक्शन पर 10 से 15 प्रतिशत कमीशन भी दिया जाता था। चार्ली कई ऐसे गिरोहों के संपर्क में था और फर्जी दस्तावेज तैयार करने का मुख्य व्यक्ति था।

पुलिस कार्रवाई
मुखानी के चौपला चौराहा स्थित तारा कॉम्प्लेक्स में कुछ संदिग्ध युवकों की गतिविधियों की सूचना मिलने पर एसपी सिटी प्रकाश चंद्र, एसओजी प्रभारी संजीत राठौड़ और मुखानी थाना प्रभारी विजय मेहता की टीम ने छापा मारा। कमरे की तलाशी लेने पर पुलिस को बैंक खाता खोलने के फॉर्म, फर्जी आधार कार्ड, उद्यम विभाग के फर्जी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, मोबाइल फोन और सिम कार्ड मिले।

गिरफ्तार आरोपी और बरामदगी
गिरफ्तार किए गए आरोपी:
1. राघवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रघु (देवरिया) – मास्टरमाइंड
2. लकी(लखनऊ)
3. रॉकी (लखनऊ)
4. रोहन खान (लखनऊ)
5. आकाश सिंह (लखनऊ)
6. दीपक (शाहजहांपुर)

पुलिस ने आरोपियों के पास से चार फर्जी मुहर, फर्जी प्रेस कार्ड, पांच प्री-एक्टिवेटेड सिम, 1.43 लाख रुपये के लेन-देन का रिकॉर्ड, फर्जी उद्यम प्रमाणपत्र, बैंक डेबिट कार्ड, दो ब्लैंक चेक और 2000 रुपये नकद बरामद किए हैं।

किरायेदार सत्यापन न करने पर कार्रवाई
कॉम्प्लेक्स मालिक वीरेंद्र मेहरा ने बिना पुलिस सत्यापन के आरोपियों को किराए पर कमरा दिया था, जिस पर उसे चेतावनी देते हुए 10 हजार रुपये का चालान किया गया।

पुलिस ने मास्टरमाइंड समेत छह आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और संगठित अपराध से संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया है। पुलिस की इस कार्रवाई के लिए एसएसपी ने टीम को ढाई हजार रुपये का इनाम दिया।

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