Uttarakhand

उत्तराखंड में निकाय चुनाव के बाद धर्मस्व और तीर्थाटन परिषद की स्थापना को मंजूरी मिलेगी।

उत्तराखंड में निकाय चुनाव के बाद धर्मस्व और तीर्थाटन परिषद की स्थापना को मंजूरी मिलने जा रही है। इस परिषद का मुख्य उद्देश्य राज्य में धार्मिक यात्राओं का सुरक्षित और व्यवस्थित संचालन सुनिश्चित करना है। परिषद के गठन के लिए एक उच्चस्तरीय समिति ने ड्राफ्ट प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिसे शासन को सौंप दिया गया है ¹।

इस परिषद का एक त्रिस्तरीय ढांचा तैयार किया जाएगा, जिसमें मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक समिति और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक अन्य समिति शामिल होगी। इसके अलावा, गढ़वाल और कुमाऊं में क्रियान्वयन समितियों का गठन किया जाएगा। यह परिषद राज्य में धार्मिक यात्राओं के संचालन और व्यवस्था के नियोजन और प्रबंधन के लिए रणनीति और नीति बनाने का काम करेगी।
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के अलावा हेमकुंड यात्रा, कांवड़ यात्रा, मेले और उत्सव में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इन यात्राओं के दौरान सरकार के लिए भीड़ प्रबंधन, पंजीकरण, यातायात प्रबंधन और मौसम संबंधी चुनौतियां एक बड़ी परीक्षा होती हैं। इस समस्या का समाधान करने के लिए, मुख्यमंत्री के निर्देश पर एक नियामक एजेंसी के गठन की प्रक्रिया शुरू हुई है, जो यात्रा के व्यवस्थित, सुरक्षित और सुविधाजनक संचालन के लिए जवाबदेह होगी।

इस एजेंसी का एक त्रिस्तरीय स्वरूप तैयार किया गया है, जिसमें मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक समिति, मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक अन्य समिति और गढ़वाल और कुमाऊं में क्रियान्वयन समितियां शामिल होंगी। इन समितियों का काम यात्रा के संचालन और व्यवस्था के नियोजन और प्रबंधन के लिए रणनीति और नीति बनाना होगा। इसके अलावा, परिषद का एक स्थायी ढांचा भी होगा, जो यात्रा संबंधी सभी गतिविधियों का संचालन करेगा।

यह पूरा प्रस्ताव तैयार हो चुका है और माना जा रहा है कि 26 जनवरी के बाद निकाय चुनाव की आचार संहिता समाप्त होने के बाद, कैबिनेट की बैठक में परिषद बनाए जाने के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। मुख्यमंत्री इस परिषद के गठन को मंजूरी दे सकते हैं।

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