दीपावली पर यूपी में बर्न और ट्रॉमा मामलों में बढ़ोतरी, रात भर सक्रिय रहीं 108 एम्बुलेंस
दिवाली के मौके पर मरीजों को लगातार चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई गईं। 108 एम्बुलेंस सेवा दिन-रात सक्रिय रही, जिससे आग लगने और ट्रॉमा के मामलों में आई 600 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी का सामना किया जा सका।
सामान्य दिनों की तुलना में दिवाली के दौरान पटाखों और अन्य कारणों से जलने और ट्रॉमा मामलों में बड़ी वृद्धि दर्ज की गई। दिवाली के दिन जलने के कुल 149 मामले सामने आए, जबकि सामान्य दिनों में इनकी औसत संख्या केवल 20 होती है। पिछले वर्ष इसी दिन बर्न केसों की संख्या 183 थी।
उत्तर प्रदेश में 108 एम्बुलेंस सेवा का संचालन करने वाली संस्था ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज के अनुसार इस दिवाली आपातकालीन सेवाओं के लिए सबसे अधिक कॉल्स प्राप्त हुए।31 अक्टूबर को दिवाली के दिन 12,000 से अधिक लोगों को 108 एम्बुलेंस के माध्यम से आपातकालीन चिकित्सीय सहायता दी गई।
शाम 4 बजे से रात 3 बजे के बीच आपातकालीन कॉल्स की संख्या बहुत अधिक रही। बर्न, सड़क दुर्घटना, चोट, एल्कोहल से संबंधित बीमारियां, पेट दर्द, और सांस लेने में तकलीफ जैसे मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई।आंकड़ों के अनुसार, दिवाली के दिन सड़क दुर्घटनाओं के 904 मामलों में मरीजों को सेवा दी गई, जो सामान्य दिनों की तुलना में 48 प्रतिशत अधिक थी। नॉन-वाहन ट्रॉमा के 1,708 मरीजों को भी सहायता प्रदान की गई। 30 अक्टूबर को बर्न के 38 और 31 अक्टूबर को 149 मरीजों को अस्पताल पहुंचाया गया।
कानपुर (17), गोरखपुर (11), कन्नौज (10), देवरिया (9), और मैनपुरी (8) में आग लगने या पटाखों के कारण सबसे अधिक बर्न के मामले दर्ज किए गए।ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट, टी.वी.एस.के रेड्डी ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी दिवाली के लिए सभी एम्बुलेंस को अलर्ट पर रखा गया था।
पुलिस और प्रशासन के सहयोग से बड़ी संख्या में मरीजों को समय पर एम्बुलेंस सेवाएं दी जा सकीं। एम्बुलेंस कर्मियों ने दिन-रात सेवा करते हुए कई मरीजों को एम्बुलेंस में ही प्राथमिक उपचार प्रदान किया।।