महाकुंभ में अफरा-तफरी: उत्तराखंड के 16 श्रद्धालु फंसे, एक युवक लापता; विजेंद्र बोले – घंटों से इंतजार में हैं
प्रयागराज में महाकुंभ स्नान के दौरान मची भगदड़ के बाद हल्द्वानी के पास स्थित जीतपुर नेगी गांव से पहुंचे 16 श्रद्धालु वहां फंस गए। इस दल में शामिल एक युवक बुधवार तड़के से लापता है और उसका मोबाइल भी बंद आ रहा है। अन्य लोग पिछले कई घंटों से उसकी तलाश में हैं।
मंगलवार को हल्द्वानी से 17 लोग ट्रेन से प्रयागराज पहुंचे और सीधे संगम स्नान के लिए रवाना हुए। रात में अचानक भगदड़ मचने से वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया। किसी तरह सभी लोग वहां से निकलकर झूंसी रेलवे स्टेशन पहुंचे, लेकिन उनके दल के प्रेम शंकर मौर्य लापता हो गए। विजेंद्र कुमार, जो इस दल में शामिल थे, ने बताया कि प्रेम शंकर से आखिरी बार संपर्क करने की कोशिश की गई, तो दो बार घंटी गई, लेकिन फिर फोन स्विच ऑफ हो गया।
भगदड़ के बाद हालात इतने बिगड़ गए कि रेल और बस सेवाएं बाधित हो गईं, जिससे हजारों श्रद्धालु फंस गए। हल्द्वानी से भी 70 से अधिक बसें महाकुंभ के लिए रवाना हुई थीं, जिनमें 3500 से अधिक श्रद्धालु शामिल थे। भगदड़ के कारण इन बसों को प्रयागराज से 70 किलोमीटर पहले ही रोक दिया गया। यात्री घंटों इंतजार के बाद धीरे-धीरे गंतव्य तक पहुंचे।
हल्द्वानी के कमलेश तिवारी अपने दोस्तों के साथ वॉल्वो बस से प्रयागराज के लिए रवाना हुए थे, लेकिन बस को रास्ते में ही रोक दिया गया। वे ऑटो और अन्य साधनों की मदद से संगम पहुंचे और स्नान किया। कमलेश ने बताया कि रास्ते में काफी दिक्कतें आईं, लेकिन संगम में स्नान करने के बाद सारी थकान मिट गई।
प्रयागराज प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से अन्य राज्यों की बसों को सीमाओं पर ही रोक दिया था। हल्द्वानी और काठगोदाम डिपो की बसों को भी प्रतापगढ़ और झूंसी में रोका गया, जिससे यात्रियों को पैदल या अन्य साधनों से प्रयागराज पहुंचना पड़ा। कई यात्री भीड़ के कारण अपनी बसों तक समय पर नहीं पहुंच सके, जिससे उनकी वापसी में भी देरी हुई।
हल्द्वानी डिपो की वरिष्ठ स्टेशन प्रभारी इंदिरा भट्ट ने बताया कि बुधवार शाम सात बजे के बाद रोकी गई बसों को रवाना किया गया। हालांकि, प्रेम शंकर मौर्य का अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है और उनके साथी उनकी सलामती की प्रार्थना कर रहे हैं।