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उत्तराखंड से एक बड़ी खबर सामने आ रही है खबर के मुताबिक बताया जा रहा है कि देहरादून में आज रविवार 23 जुलाई को भी मौसम खराब बना रहा। बादल छाए रहे और धूप खिल आई। वहीं गंगोत्री-यमुनोत्री हाईवे जगह-जगह मलबा आने से बंद हो गया है।गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के सुनगर के पास अवरुद्ध हो गया था, जिसे तीन घंटे बाद यातायात के लिए सुचारु कर दिया गया। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग खरादी, डाबरकोट के पास, राणा चट्टी सहित अन्य स्थानों पर भी मार्ग अवरुद्ध है।

बताया जा रहा है कि यमुनोत्री धाम को जाने-लौटने वाले करीब 700 यात्री स्थानों पर फंसे हुए हैं। लम्बगांव घनसाली तिलवाड़ा मोटर मार्ग स्थान धौन्तरी से चार किलोमीटर आगे मलबाआने से अवरुद्ध हुआ है। चमोली में रात्रि बारिश हुई और रविवार को बादल छाए रहे। सुबह से कर्णप्रयाग बाबा आश्रम के पास बंद बदरीनाथ हाईवे सुचारू कर दिया। बदरीनाथ यात्रा जारी है।

मौसम विज्ञान केन्द्र के मुताबिक रविवार से आगामी गुरुवार तक प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में यलो अलर्ट रहेगा। इस दौरान कहीं-कहीं एक से दो दौर तेज वर्षा हो सकती है। पहाड़ों से मैदान तक रिमझिम वर्षा का दौर बने रहने की संभावना है।रविवार को देहरादून, मसूरी, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की में सुबह के समय रुक-रुक कुछ देर वर्षा हुई। देहरादून के एफआरआइ, कंडोली, बिधाैली, गढ़ीकैंट, जाखन, राजपुर रोड आदि क्षेत्र में भी दिन के समय कहीं हल्की तो कई तेज वर्षा हुई।

वहीं, शनिवार को दून का अधिकतम तापमान 30.2 व न्यूनतम तापमान 25.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। टिहरी का अधिकतम तापमान सामान्य से चार डिग्री कम 22.1 न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 17.5 डिग्री सेल्सियस रहा। शाम आठ बजे तक मसूरी में 38.5 मिलीमीटर, विकासनगर में 35.4 मिलीमीटर, देहरादून में 22.6 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई।मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने कहा कि रविवार और सोमवार को प्रदेश के जनपदों में कही-कहीं गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने एवं एक से दो दौर तेज वर्षा हो सकती हैं। इसे देखते हुए यलो अलर्ट जारी किया गया है।

इसी के साथ शुक्रवार की रात को सीमांत जिले पिथौरागढ़ में गंगोलीहाट तहसील क्षेत्र को छोड़ कर अन्य तहसीलों में भारी बारिश हुई। भारी बारिश होने से घंटों तक टनकपुर -तवाघाट एनएच पिथौरागढ़ और धारचूला के मध्य बंद रहा। चीन सीमा तक जाने वाला लिपुलेख मार्ग सहित जिले में बीस सड़कें बंद हो गई। तहसील बंगापानी के जाराजिबली में बादल फटने की घटना सामने आई। वहीं मेतली, देवलेख, भट्भटा सहित अन्य गांवों में अतिवृष्टि और तेज अंधड़ ने तबाही मचाई।

जाराजिबली गांव नाले के ऊफान पर आने से बंगापानी-जाराजिबली सड़क में कई मीटर हिस्सा बह गया। नाले के आसपास हुए भूस्खलन से भारी कटाव हुआ है। खेत बह गए हैं। गांव अलग-थलग पड़ा है। मकानों को भी खतरा बना हुआ है। थल में भारी बारिश से बाजार में शिव मंदिर के निकट से रामगंगा नदी को जाने वाली डिस्ट्रिक बोर्ड की सड़क के एक हिस्से में भूस्खलन हो गया। जिसके चलते हरक सिंह कार्की का मकान खतरे की जद में आ चुका है।

आपको बता दें कि नगर के कृष्णापुरी में भी बारिश का पानी मकान में घुस गया। काली नदी का जलस्तर बढ़ा काली नदी धारचूला में चेतावनी लेबल से ऊपर 889.50 मीटर पर बह रही है। यहां पर खतरे का निशान 890 मीटर है। गोरी नदी का भी जौलजीबी में जलस्तर बढ़ गया है। यहां पर नदी 604.90 मीटर पर बह रही है। चेतावनी लेबल 606.80 मीटर है। वहीं, सरयू नदी घाट में 448 मीटर पर बह रही है। चेतावनी लेबल 453 मीटर है।

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