मुंबई इंडियंस के कप्तान बनने ही वाले थे धोनी लेकिन इस नियम ने पूरा खेल बदल दिया
[ad_1]
महेंद्र सिंह धोनी भारतीय टीम के सबसे सफल कप्तान रहे हैं।उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने वर्ल्ड कप से लेकर चैंपियंस ट्रॉफी तक जीती है और आईपीएल में भी महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में चेन्नई सुपर किंग्स ने चार बार आईपीएल खिताब अपने नाम किया है और अभी भी धोनी चेन्नई की टीम से खेल रहे हैं। लेकिन एक वक्त ऐसा था जब धोनी मुंबई इंडियंस के होने वाले थे।
2008 से चेन्नई सुपर किंग्स की टीम से खेल रहे महेंद्र सिंह धोनी अभी भी चेन्नई की शान है। जब आईपीएल में ओपन ऑक्शन शुरू हुआ तो उस दौरान अलग-अलग टीमों को यह मौका दिया गया कि उनके लोकल खिलाड़ियों को उनकी टीम को रिप्रेजेंट करने का मौका दिया जाएगा और वह खिलाड़ी आईकॉन प्लेयर कहलाएंगे। इसका कारण यह था कि लोगों को लोकल खिलाड़ियों से लगाव होता है, तो इसलिए उनका उस टीम से भी ज्यादा लगाव होगा।
इसके बाद मुंबई के आइकॉन स्टेटस सचिन तेंदुलकर को मिला, कोलकाता का आइकॉन स्टेटस सौरव गांगुली को मिला, पंजाब से युवराज सिंह को आइकॉन प्लेयर बनाया गया। झारखंड की कोई टीम नहीं थी इसलिए धोनी को आइकॉन स्टेटस नहीं मिला था। आपको बता दें कि जो भी खिलाड़ी आईकॉन प्लेयर होते थे, उन्हें अन्य खिलाड़ियों के मुकाबले 15% ज्यादा पैसा देकर खरीदा जाता था।
भले ही मुंबई इंडियंस ने धोनी को आईकौन प्लेयर ना बनाया हो लेकिन उन्होंने यह साफ कर दिया था कि वह धोनी को ओपन ऑक्शन में खरीदने जा रहे हैं, लेकिन यहां एक पेंच फस गया। क्योंकि मुंबई की टीम पहले ही सचिन तेंदुलकर पर ज्यादा पैसा खर्च कर चुकी थी, तो उनके पास बजट कम था। जबकि चेन्नई ने कोई स्टार प्लेयर नहीं खरीदा था, तो उनके पास पैसा बचा हुआ था।
ये भी पढ़ें : उमरान मलिक ने किया बड़ा कारनामा, फेंकी इस सीजन की सबसे तेज गेंद,जानिए स्पीड
जब ओपन ऑक्शन शुरू हुआ तो चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस दोनों ने ही धोनी के लिए बोली लगाई। लेकिन मुंबई का बजट कम पड़ गया, जिस वजह से चेन्नई सेक्शन को जीत गई और महेंद्र सिंह धोनी को चाह कर भी मुंबई इंडियंस की टीम अपने पाले में नहीं कर पाई। चेन्नई ने धोनी को करीब 1.5 मिलियन डॉलर में खरीदा था। हालांकि अगले की सीजन में ही साइकॉन स्टेटस वाले फूल को बंद कर दिया गया था।
[ad_2]
Source link