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जीबी पंत कृषि विवि के मौसम वैज्ञानिक डाॅ. आरके सिंह के मुताबिक जून से ला नीनो का प्रभाव शुरू हो जाएगा। इससे मानसून उत्तर भारत में समय से पहुंचेगा। साथ ही इस बार अच्छी बारिश और भीषण ठंड पड़ेगीतराई में धूप की तपिश तेज हो रही है। जुलाई से शुरू ”अल नीनो” प्रभाव के चलते सर्दी भी कम पड़ी और अप्रैल-मई में अमूमन होने वाली बारिश भी नहीं हुई है। अब अल नीनो कमजोर पड़ रहा है। जीबी पंत कृषि विवि के मौसम वैज्ञानिक डाॅ. आरके सिंह के मुताबिक जून से ला नीनो का प्रभाव शुरू हो जाएगा। इससे मानसून उत्तर भारत में समय से पहुंचेगा। साथ ही इस बार अच्छी बारिश और भीषण ठंड पड़ेगी।उन्होंने बताया कि पिछले साल भारत में मानसून उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा, जिसकी वजह अल नीनो का प्रभाव है। मानसून केवल भारत में होने वाली भौगोलिक प्रक्रिया ही नहीं, बल्कि यह हिंद महासागर और यहां तक कि प्रशांत महासागर की गतिविधियों से भी प्रभावित होता है। प्रशांत महासागर में अल नीनो मानसून को प्रभावित करता है।भारत में सर्दी पश्चिम से आने वाली हवाओं से ही प्रभावित होती है।

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पश्चिम से चलने वाली हवाएं भारत के उत्तर और उत्तर पश्चिमी क्षेत्रों में बारिश का माहौल बनाती हैं। इससे हिमालय में बर्फबारी होती है और उससे ठंडी हवाएं उत्तर भारत के मैदानी इलाकों को ठंडा करने लगती हैं। ला नीनो अल नीनो के विपरीत होता है। भारत में इससे ठंड बढ़कर तीखी हो जाती है और मानसून में अच्छी बारिश का कारण बनता है।

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