केदारनाथ धाम में इस वर्ष वीआईपी दर्शन की सुविधा समाप्त होने के बाद श्रद्धालुओं के लिए दर्शन का अनुभव नया रूप ले रहा है। भक्तों की लम्बी कतारें मंदिर के सभामंडप से गर्भगृह तक देखी जा सकती हैं, और दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। बाबा केदार के दर्शनों के प्रति उत्साह अपने चरम पर है, खासकर कपाट बंद होने से पहले के इन अंतिम दिनों में।
पंच केदार में सबसे महत्वपूर्ण केदारनाथ धाम में कपाट बंद होने में अब केवल सात दिन बाकी हैं, और इस समय भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है। सुबह से ही गुप्तकाशी, फाटा, और शेरसी के हेलिपैड पर टिकट के लिए लंबी कतारें लग रही हैं। खराब मौसम के कारण कुछ यात्रियों को उड़ान में देरी का सामना करना पड़ रहा है।
मंदिर परिसर के पीछे आदिगुरु शंकराचार्य का समाधि स्थल भी श्रद्धालुओं के बीच आस्था का केंद्र बना हुआ है, जो पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत पुनर्निर्माण कार्य का एक प्रमुख हिस्सा है। यहां ध्यान और आराधना में लगे भक्तों के अलावा, रेतस कुंड पर भी भक्तों का जमावड़ा है, जहां “ऊं नमः शिवाय” के मंत्रोच्चार पर कुंड में बुलबुले उठते हैं, जो भक्तों को अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव कराता है।
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धाम में पुनर्निर्माण कार्य के दूसरे चरण में भी तीव्र गति से काम चल रहा है। यहां ठंड बढ़ने के बावजूद मजदूर भवन निर्माण और सरस्वती नदी पर पुल का काम पूरा करने में जुटे हुए हैं। बीकेटीसी भवन, अस्पताल और अन्य सुविधाओं के निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में हैं, जिससे केदारनाथ आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।