झांसी मेडिकल कॉलेज हादसे पर मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता, पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता की घोषणा
झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज की विशेष नवजात देखभाल इकाई (एसएनसीयू) में आग लगने की भीषण घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। हादसे में 10 नवजात शिशुओं की दुखद मौत हो गई, जबकि 45 शिशुओं को सुरक्षित बचा लिया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हृदयविदारक घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए तत्काल राहत और सहायता की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने हादसे में जान गंवाने वाले बच्चों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता तथा घायलों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये की मदद देने का ऐलान किया है। यह राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रदान की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि यह सहायता राशि जल्द से जल्द पीड़ितों तक पहुंचे।
घटना पर त्वरित कार्रवाई और राहत कार्य
हादसे की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री ने उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को रातों-रात मौके पर भेजा। उन्होंने झांसी के मंडलायुक्त और डीआईजी से 12 घंटे के भीतर इस घटना की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। वहीं, मौके पर पहुंची दमकल की 15 गाड़ियों और सेना के जवानों ने मिलकर आग पर काबू पाया।
झांसी मंडलायुक्त विमल कुमार दुबे ने बताया कि घटना के समय एसएनसीयू में 55 नवजात भर्ती थे। हादसे में झुलसे 16 बच्चों का इलाज जारी है, और उन्हें सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा दी जा रही है।
पीड़ित परिवारों का दर्द और प्रशासन की जवाबदेही
महोबा जिले के रहने वाले एक दंपती ने अपने नवजात की मौत पर गहरा दुःख व्यक्त किया। मां ने बताया कि बच्चे का जन्म 13 नवंबर को हुआ था, लेकिन यह हादसा उनकी जिंदगी में अकल्पनीय दुःख लेकर आया।
मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को घायलों के इलाज और हर संभव मदद सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए सभी अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी।
यह भी पढ़ें :उत्तराखंड में हर साल मनेगा ‘जनजातीय विज्ञान महोत्सव’: सीएम धामी
यह हादसा न केवल प्रशासन के लिए चेतावनी है बल्कि चिकित्सा सुविधाओं की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े करता है। मुख्यमंत्री ने इस दुखद घटना के बाद स्थिति को नियंत्रित करने और पीड़ितों को राहत पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।