एनएसजी कमांडो नरेंद्र सिंह भंडारी की दिल्ली में संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से मौत हो गई। उनका पार्थिव शरीर आधी रात बाद घर पहुंचने की संभावना जताई जा रही है और आज गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ किया जाएगा।

कमांडो की माता माधवी देवी बेटे की मौत की खबर से बेसुध हैं। दुखी माता के शब्दों में, “तुम झूठ बोल रहे हो, मेरा बेटा जिंदा है, उसने कल ही फोन पर कहा था कि बहू बहुत अच्छी है।” मंगलवार को नरेंद्र ने अपनी मां से फोन पर आखिरी बार बात की थी, और अपनी खुशी जताते हुए कहा था, “मां, तेरी बहू बहुत अच्छी है।” इन आखिरी शब्दों को याद कर उनकी मां अब शोक में डूबी हुई हैं। परिवार में आने वाली नई बहू के स्वागत की तैयारियाँ चल रही थीं, पर अचानक मिली दुखद खबर ने सबको स्तब्ध कर दिया।

बिंदुखत्ता के खैरानी नंबर दो के निवासी तीस वर्षीय नरेंद्र पिछले 10 वर्षों से कुमाऊं रेजीमेंट के अंतर्गत एनएसजी कमांडो के रूप में सेवा दे रहे थे। उनके पिता भी पूर्व सैनिक थे, जिनका दो साल पहले निधन हो गया था। परिवार में बड़े भाई यशवंत सिंह किसान हैं और मझले भाई माधो सिंह रेलवे में लोको पायलट के पद पर कार्यरत हैं। उनके परिवार के सभी सदस्य इस हृदय विदारक घटना से गहरे सदमे में हैं।

पारिवारिक सूत्रों के अनुसार मंगलवार शाम लगभग 7 बजे दिल्ली में फायर ड्रिल के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से उनकी मृत्यु हुई। नरेंद्र 19 नवंबर को विवाह बंधन में बंधने वाले थे और इसको लेकर घर में उत्साह का माहौल था। शादी की तैयारियाँ हो चुकी थीं, रिश्तेदारों को निमंत्रण भेजा जा चुका था और परिवार बेटे के घर लौटने का इंतजार कर रहा था। अब इस अचानक घटित घटना ने सभी की खुशियों को मातम में बदल दिया है।

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ग्रामीणों और पड़ोसियों के अनुसार, नरेंद्र सरल और मददगार स्वभाव के व्यक्ति थे। उनके असमय निधन से पूरे गाँव में शोक की लहर फैल गई है, और कोई भी इस दुःखद घटना पर विश्वास नहीं कर पा रहा है।

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