सिपाही भर्ती परीक्षा के पहले पेपर लीक होने की अफवाह फैलाने को लेकर सपा नेताओं समेत कई व्यक्तियों पर एफआईआर दर्ज की गई है। इन लोगों ने टेलीग्राम के माध्यम से मैसेज भेजे और क्यूआर कोड के जरिए पैसे मांगने का प्रयास किया। सोशल मीडिया पर इस तरह की अफवाहें फैलाने वाले आरोपितों के खिलाफ पुलिस ने हुसैनगंज थाने में मामला दर्ज कराया है।
सपा के पूर्व मंत्री यासर शाह को भी भर्ती परीक्षा से संबंधित असत्य और अपमानजनक पोस्ट के लिए आरोपी बनाया गया है। साइबर सेल और एसटीएफ की टीम इस मामले की जांच में जुटी है। भर्ती बोर्ड के मीडिया प्रभारी इंस्पेक्टर सतेंद्र कुमार की तहरीर के आधार पर यह केस दर्ज किया गया है, जिसमें आरोप है कि कुछ असामाजिक तत्व पेपर लीक की झूठी अफवाह फैलाकर अभ्यर्थियों से धोखाधड़ी कर रहे हैं।
फर्जी पेपर लीक से संबंधित यूपीआई आईडी का उपयोग कर पैसे उगाही के प्रयास में शामिल व्यक्तियों, जैसे शोएब नबी सोफी, हरीश कुमार भगत, मनु कुमार, कपिल और सिद्धार्थ गुप्ता, को भी आरोपी बनाया गया है। साथ ही, डिलाइट इंटरप्राइजेज फर्म द्वारा साझा किए गए क्यूआर कोड का उपयोग भी किया गया है। पुलिस इन आरोपितों तक पहुंचने के लिए बैंक विवरण का उपयोग कर रही है।
एफआईआर में यह भी उल्लेख है कि यासर शाह ने अपने एक्स अकाउंट @yasarshah_sp पर भर्ती पेपर लीक की गलत जानकारी दी। उन्हें अन्य आरोपितों की तरह विभिन्न ग्रुप और अकाउंट बनाने, क्यूआर कोड भेजकर पैसे उगाहने और शासन की छवि को धूमिल करने का भी आरोप लगा है।
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पुलिस ने अभ्यर्थियों से अनुरोध किया है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और बिना किसी संदेह के परीक्षा में भाग लें। यदि कोई व्यक्ति पेपर लीक या पैसे की मांग करने का प्रयास करे, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। पुलिस, एसटीएफ और अन्य एजेंसियों की निगरानी में सोशल मीडिया के जरिए अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।