भाई दूज, जिसे यम द्वितीया भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक है। यह पर्व हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों का टीका कर उन्हें लंबी उम्र की कामना करती हैं, और भाइयों द्वारा बहनों को उपहार दिए जाते हैं।
भाई दूज के अवसर पर बहनें अपने भाइयों को रोली और अक्षत से टीका करती हैं, जिससे भाइयों पर आने वाले संकटों का नाश होता है। इस दिन यमराज भी अपनी बहन यमुना के घर जाते हैं और उनके साथ आशीर्वाद लेते हैं। भाई दूज के दिन का खास महत्व है, क्योंकि इसे पापों के नाश और धर्म की पुनर्स्थापना का दिन माना जाता है।
इस साल, भाई दूज का पर्व 3 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन सुबह 11 बजकर 39 मिनट तक सौभाग्य योग रहेगा, और फिर शोभन योग शुरू होगा। पूजा का सबसे उत्तम मुहूर्त 11:45 मिनट तक रहेगा।
यम द्वितीया के दिन स्नान और यमुनाजी की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि जो भाई-बहन यमुना में स्नान करते हैं, उनके सभी दुख दूर होते हैं और उन्हें यश, कीर्ति, विद्या और धन की प्राप्ति होती है। इस दिन भाई को बहन को वस्त्र, आभूषण, फल, मिठाई और दक्षिणा भेंट के रूप में देना चाहिए, और बहन को भाई को आमंत्रित कर टीका कर आशीर्वाद प्रदान करना चाहिए।
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भाई दूज का यह पर्व भाई-बहन के प्रेम और स्नेह को और भी प्रगाढ़ बनाता है, और एक-दूसरे के प्रति स्नेह और सहयोग का संदेश देता है।