चीन-नियंत्रित तिब्बत सीमा पर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कोरजोक-नोरबू-समदू-कयातो सड़क के निर्माण में आ रही चुनौतियों को हल करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 15 नवंबर को नई दिल्ली में एक बैठक निर्धारित की है।
इस परियोजना के अंतर्गत न तो किसी सुरंग की आवश्यकता होगी और न ही कोई दर्रा आड़े आएगा, जिससे हिमाचल प्रदेश पूरे वर्ष लद्दाख से जुड़ा रहेगा। इस बैठक में सीमा सड़क संगठन (BRO) और हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग के अधिकारी भाग लेंगे। केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में राज्य सरकार की ओर से लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता भी शामिल होंगे।
वर्तमान में मनाली-लेह मार्ग से लद्दाख तक हर मौसम में पहुंचना संभव नहीं है, और यह मार्ग काफी लंबा भी है। प्रस्तावित सड़क बनने के बाद हिमाचल का स्पीति क्षेत्र पूरे साल लद्दाख से जुड़ा रहेगा। सड़क निर्माण से न केवल हिमाचल, बल्कि लद्दाख की तरफ भी आवागमन सुगम होगा। यह सड़क परियोजना सीमा सड़क संगठन द्वारा बनाई जाएगी। लद्दाख और स्पीति घाटी को जोड़ने वाली कोरजोक से कयातो तक की सड़क बनने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और सीमा तक पहुंच आसान हो जाएगी।
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इस सड़क परियोजना को केंद्र सरकार ने वर्ष 2023 में स्वीकृति दी थी। इसका उद्देश्य यह है कि हिमाचल के स्पीति से लद्दाख के बीच पूरे वर्ष बिना किसी सुरंग या दर्रे के संपर्क बना रहे। इस परियोजना के तहत 20 किलोमीटर लंबे सड़क खंड के लिए डीपीआर को वार्षिक कार्य योजना में स्वीकृति दी गई है।