शहर के हट्ठी माता मंदिर में गोवर्धन पूजा का आयोजन महिलाओं ने उत्साह के साथ किया। उन्होंने व्रत रखकर गाय के गोबर से गोधन-गोधनी, सूर्य, चंद्रमा, और गौ माता की आकृतियाँ बनाईं और उन्हें तिलक लगाया। घरों में विशेष पकवान बनाए गए और विधि अनुसार पूजा-अर्चना की गई। इस दौरान महिलाएं मंगल गीत गाती रहीं, जिससे वातावरण में उमंग और भक्ति का माहौल बना रहा।
गोधन को कूटकर उस पर छलांग लगाकर पार करने की परंपरा निभाई गई, और अन्नकूट का प्रसाद सभी में वितरित किया गया। शहर के विभिन्न मंदिरों में भी पूजा-अर्चना की गई।
भाई दूज का पर्व भी विशेष उत्साह से मनाया गया, जो भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है। बहनों ने भाइयों को तिलक लगाकर कलावा बांधा और उनकी लंबी उम्र की कामना की। भाइयों ने बहनों को उपहार देकर अपने प्रेम को दर्शाया, और दोनों ने साथ भोजन करके इस पर्व का आनंद लिया।