कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक डॉक्टर द्वारा दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना ने महिला सुरक्षा के मुद्दे को फिर से उजागर किया है।

इस संदर्भ में, पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) और वरिष्ठ अधिवक्ता पिंकी आनंद ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं।

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पिंकी आनंद ने प्रस्तावित किया है कि यौन उत्पीड़न के मामलों में सबूतों को संरक्षित करने के लिए यौन उत्पीड़न साक्ष्य किट (Sexual Assault Evidence Kit) का उपयोग किया जाए। इसके साथ ही, उन्होंने यह सुझाव भी दिया है कि यौन उत्पीड़न मामलों में त्वरित और सटीक जांच के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित नर्स परीक्षक नियुक्त किए जाएं। ये कदम यथासमय और प्रभावी न्याय सुनिश्चित करने के साथ-साथ महिलाओं की सुरक्षा को भी मजबूत करेंगे।

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