26 साल पुराने चोरी के मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बर्खास्तगी के आदेश को खारिज कर दिया है। याचिकाकर्ता, जो उस समय उपमंडलीय अधिकारी के पद पर तैनात था, पर 1,52,030 रुपये की सामग्री के गबन का आरोप था। घटना के समय वह मुकेरियां में एक प्रोजेक्ट पर कार्यरत था। आरोपों के आधार पर उसे चार्जशीट किया गया, लेकिन उसके स्पष्टीकरण को सक्षम प्राधिकारी ने संतोषजनक नहीं माना।

यह भी पढ़ें:Uttarakhand: सीएम धामी ने हल्द्वानी में की पत्रकारवार्ता, केदारनाथ उपचुनाव में पार्टी की जीत का किया दावा

हाईकोर्ट ने पाया कि जांच अधिकारी का दृष्टिकोण एकतरफा था और कानूनी रूप से अस्थिर था। अदालत ने कहा कि जांच के दौरान याचिकाकर्ता की अनुपस्थिति को उसके खिलाफ सबूत के रूप में नहीं माना जा सकता। अदालत ने 1997 की जांच रिपोर्ट और 1998 के दंड आदेश को खारिज करते हुए मामले को पुनः जांच के लिए वापस भेज दिया, जिससे याचिकाकर्ता को न्याय मिला।

Share.
Leave A Reply