उत्तराखंड के काशीपुर शहर से लापता डीपीएस स्कूल का छात्र यथार्थ आखिरकार दिल्ली में पुलिस को मिल गया। तीन दिन तक घरवाले और पुलिस परेशान रहे कि उसका अपहरण हो गया है, लेकिन सच्चाई कुछ और ही निकली। यथार्थ अपहरण नहीं हुआ था, बल्कि वह खुद घर से पैसे लेकर दिल्ली चला गया था। वहां उसने एक होटल में रुककर मजे किए और अपने परिवार व पुलिस को परेशान करता रहा।
दरअसल, यथार्थ ने 20 मार्च को अपनी वार्षिक परीक्षा का आखिरी पेपर दिया। पेपर खत्म होते ही वह सीधा घर जाने के बजाय अपनी स्कूटी और किताबें जलाकर गायब हो गया। उसने ऐसा इसलिए किया ताकि सबको लगे कि उसके साथ कोई अनहोनी हो गई है। उसकी जली हुई स्कूटी उसी रात बरेली रोड और रामपुर मार्ग के बीच जंगल में मिली। इसके बाद परिवार ने पुलिस को सूचना दी और अपहरण की आशंका जताई। पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर लिया, लेकिन शक था कि वह खुद ही कहीं चला गया है।
जांच में पुलिस को यह पता चला कि यथार्थ को पढ़ाई को लेकर घर में डांट पड़ी थी। उसके दोस्तों से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि वह अक्सर दिल्ली जाने की बातें करता था। इसके बाद पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज देखे और एक वीडियो में यथार्थ कैब में जाता दिखा। फिर पुलिस ने मोबाइल टावरों का डाटा खंगाला और उसका मोबाइल नंबर ट्रेस किया। इस तरह पुलिस को पता चला कि वह दिल्ली में गुरुग्राम रोड के पास एक विशाल होटल में ठहरा हुआ है। शनिवार देर रात पुलिस उसे ढूंढकर काशीपुर वापस ले आई।
यथार्थ के इस झूठे नाटक से उसके परिवार और पुलिस दोनों को 72 घंटे तक काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। उसने सिर्फ घरवालों की डांट से नाराज होकर यह पूरी योजना बनाई और खुद अपनी स्कूटी व किताबें जलाकर यह साबित करने की कोशिश की कि उसका अपहरण या हत्या हो गई है। लेकिन आखिरकार पुलिस ने पूरी जांच-पड़ताल करके उसे ढूंढ निकाला।
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