धारचूला के दारमा घाटी में हाल ही में हुई भारी बर्फबारी के कारण चीन सीमा से सटे 14 गांवों का संपर्क कट गया है। सोबला-ढाकर सड़क पूरी तरह से बंद हो गई है, जिससे चलखूम, गलछिन, युसुंग, वोरुंग नाले और बालिंग सहित कई गांवों में आवाजाही मुश्किल हो गई है। घर बर्फ की मोटी परत से ढक गए हैं और लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। अनुमान है कि सड़क से पूरी तरह बर्फ हटाने में लगभग 20 दिन लग सकते हैं।
बीआरओ की 67 आरसीसी ग्रिफ की टीम राहत कार्य में जुट गई है और बुधवार को चलखूम ग्लेशियर प्वाइंट से लगभग 40 मीटर तक बर्फ हटा दी गई। अधिकारियों के अनुसार, बृहस्पतिवार शाम तक इस क्षेत्र से पूरी बर्फ हटाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, एक अन्य टीम ढाकर से ग्राम दांतू की ओर बर्फ हटाने में लगी है।
बर्फबारी के बाद पानी और भोजन की समस्या को देखते हुए ग्राम बालिंग और नागलिंग के 25 मजदूर कठिन परिस्थितियों में 15 से 20 घंटे का जोखिम भरा पैदल सफर तय कर धारचूला पहुंचे। बालिंग निवासी दिनेश सिंह बनग्याल और लक्ष्मण सिंह बनग्याल ने बताया कि भारी बर्फबारी और बारिश के कारण उनके गांवों में घर पूरी तरह से बर्फ में दब गए हैं। रास्तों पर गहरी बर्फ जमी होने से सफर बेहद चुनौतीपूर्ण रहा। ग्लेशियर वाले इलाकों में मजदूरों ने एक-दूसरे का हाथ पकड़कर सुरक्षित जगह वुर्थिंग तक पहुंचने का प्रयास किया, जहां बीआरओ की टीम ने उनके रहने और खाने की व्यवस्था की।
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दीलिंग दारमा सेवा समिति के अध्यक्ष करन सिंह ग्वाल ने जानकारी दी कि आईटीबीपी के जवानों ने पांच स्थानीय मजदूरों को सुरक्षित बचाकर ढाकर पोस्ट तक पहुंचाया है। वहीं, शेष 46 मजदूर सुरक्षित स्थानों पर रुके हुए हैं। बीआरओ और आईटीबीपी की टीमें लगातार राहत कार्य में जुटी हुई हैं ताकि जल्द से जल्द रास्तों को बहाल किया जा सके।