प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 मार्च को भारत-चीन सीमा पर स्थित हर्षिल और मुखबा का दौरा करेंगे। इस दौरे के लिए उत्तरकाशी की स्थानीय परंपरागत पोशाक तैयार की गई है, जिसमें भेड़ की ऊन से बनी भेंडी (कोट), सफेद पजामा और पहाड़ी टोपी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री के लिए खास तौर पर तैयार किए गए इस परिधान को वीरपुर डुंडा नालंदा एसएचजी महिला स्वयं सहायता समूह की भागीरथी नेगी ने बनाया है, जबकि इसकी सिलाई सुरेंद्र नैथानी ने की है। इस पारंपरिक पोशाक में बादामी और स्लेटी रंग की भेंडी कोट, सफेद पजामा और एक विशेष पहाड़ी टोपी शामिल है। टोपी को तिरंगे के केसरी, हरे और सफेद रंग की पट्टियों के साथ-साथ बलिदान के प्रतीक लाल रंग की पट्टी और ब्रह्मकमल से सजाया गया है।
भागीरथी नेगी, जो किन्नौरी समुदाय से संबंध रखती हैं, ने बताया कि यह परिधान पूरी तरह से हाथ से काता गया है और इसमें किसी भी प्रकार के केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया गया है। ऊन को इस तरह से तैयार किया गया है कि इसे पहनने में कोई चुभन न हो। खास बात यह है कि यह परिधान महज दस दिनों में तैयार किया गया है।
यह भी पढ़ें :उत्तराखंड कैबिनेट बैठक आज: कई अहम फैसलों पर विचार, 2347 चतुर्थ श्रेणी पदों पर होगी भर्ती
पीएम मोदी अक्सर अपने दौरों में स्थानीय पहनावे को अपनाते हैं, जिससे न केवल वे क्षेत्रीय संस्कृति से भावनात्मक रूप से जुड़ते हैं, बल्कि इससे स्थानीय उत्पादों को भी बढ़ावा मिलता है। उनके इस दौरे से भेंडी और ऊनी कपड़ों को राष्ट्रीय पहचान मिलने की संभावना है, जिससे उत्तरकाशी के पारंपरिक वस्त्र उद्योग को एक नई दिशा मिल सकती है।