कैबिनेट बैठक में निराश्रित गोवंश संरक्षण के लिए एक नई नीति तैयार करने का निर्णय लिया गया है। शहरी क्षेत्रों में गोसदनों का निर्माण और उनकी आवश्यक सुविधाएं शहरी विकास विभाग की जिम्मेदारी होगी, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह कार्य पंचायती राज विभाग के अंतर्गत आएगा।
यह निर्णय भारतीय संविधान की 11वीं और 12वीं अनुसूचियों के प्रावधानों के अनुरूप लिया गया है। इसके अनुसार, शहरी सीमा के भीतर गोसदनों का निर्माण और आवश्यक सुविधाओं का प्रबंधन शहरी विकास विभाग करेगा, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में इस कार्य को पंचायती राज विभाग द्वारा संचालित किया जाएगा।
इस नीति का उद्देश्य निराश्रित गोवंश के संरक्षण और उनके लिए बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करना है, ताकि उनकी देखभाल और प्रबंधन को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके।