असम के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी प्रणबज्योति गोस्वामी ने बताया कि पुलिस ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की तकनीकी सहायता से एक बड़े अभियान का आयोजन किया। इस अभियान के तहत असम के विभिन्न हिस्सों में छापेमारी की गई, जिसमें 15 अगस्त को राज्य में 24 स्थानों पर बम लगाने के उल्फा-आई के दावे का पर्दाफाश किया गया।
अभियान की सफलता
इस छापेमारी में तीन महिलाओं समेत 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिससे पुलिस को इस नापाक साजिश को रोकने में बड़ी सफलता मिली। गोस्वामी ने बताया कि यह संयुक्त अभियान खुफिया जानकारी के आधार पर लंबे समय से योजना बनाई गई थी। प्रारंभिक पूछताछ से यह स्पष्ट हुआ है कि पकड़े गए लोगों से और महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की जाएगी।
गिरफ्तारियों का विवरण
गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में डिब्रूगढ़ और लखीमपुर जिलों से तीन-तीन, जोरहाट और गुवाहाटी से दो-दो, और तिनसुकिया, सादिया, नगांव, नलबाड़ी तथा तामुलपुर से एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। इससे पहले, शिवसागर जिले से चार लोगों को भी इसी मामले में गिरफ्तार किया गया था।
इनाम की घोषणाअसम पुलिस ने मामले में शामिल व्यक्तियों की पहचान करने के लिए पांच लाख रुपये तक के नकद इनाम की घोषणा की थी। इसके अलावा, लखीमपुर में पूछताछ के लिए एक नाबालिग को भी गिरफ्तार किया गया है।
तकनीकी विफलता से बचे विस्फोटउल्फा-आई ने मीडिया को भेजे गए ईमेल में बताया कि 15 अगस्त को सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच 19 विस्फोटों की योजना बनाई गई थी, लेकिन तकनीकी विफलता के कारण ये विस्फोट नहीं हो सके। संगठन ने विस्फोटों की संभावित जगहों की सूची भी जारी की थी, जिसमें कई बमों का स्थान अभी भी अज्ञात है। गुवाहाटी में दो आईईडी जैसे उपकरण बरामद किए गए, और असम में कुल 10 बम जैसे पदार्थ भी जब्त किए गए।
निष्कर्ष
असम पुलिस की यह कार्रवाई न केवल स्वतंत्रता दिवस पर संभावित खतरे को टालने में सफल रही, बल्कि यह इस बात का भी प्रमाण है कि राज्य की सुरक्षा एजेंसियां आतंकवादी गतिविधियों पर नज़र रख रही हैं और उनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई कर रही हैं। आगे की पूछताछ से साजिश की और भी जानकारी मिल सकती है, जो आगे की कार्रवाई में मददगार साबित होगी।