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रुद्रप्रयाग हादसा: दर्द में डूबे घायल, मदद की पुकार भी नहीं निकल पा रही थी; ग्रामीण बने देवदूत।

ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर रैंतोली के पास हुए हादसे के बाद, जब रुद्रप्रयाग नगर में साइरन की आवाज गूंजी, तो पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।लोग आपस में जानकारी साझा करते हुए घटनास्थल की ओर भागे और वहां पहुंचकर घायलों की मदद करने लगे।

शनिवार सुबह 11.30 बजे जब हादसे की खबर मिली, तो हर कोई स्तब्ध रह गया। लोग अपने वाहनों और अन्य साधनों से घटनास्थल की ओर रवाना हो गए। यहां पहुंचकर सभी लोग नदी की ओर जाने वाली पगडंडी से उतरकर घटनास्थल तक पहुंचे।वहां का दृश्य देखकर हर किसी का दिल दहल गया।। घटना के 15-20 मिनट के भीतर ही एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, पुलिस, जल पुलिस के जवानों के साथ ही स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता शैलेंद्र गोस्वामी, पूर्व सभासद लक्ष्मण कप्रवाण, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष दिनेश उनियाल, विकास डिमरी, कनिष्ठ प्रमुख शशि नेगी, रोशन झा और अन्य नगरवासी मौके पर पहुंच गए और बचाव कार्य में जुट गए।

नदी से लगभग 250 मीटर की खड़ी चढ़ाई पर घायलों को स्ट्रेचर के माध्यम से सड़क तक पहुंचाया गया। रोशन झा ने बताया कि घटनास्थल का दृश्य इतना भयानक था कि इसे शब्दों में बयान करना मुश्किल है। वहां, नदी किनारे चारों ओर शव बिखरे हुए थे। जो घायल थे, वे दर्द से कराह रहे थे। कई लोग बेहोशी की हालत में थे और घायल इतनी पीड़ा में थे कि मदद के लिए पुकार भी नहीं सकते थे। शैलेंद्र भारती बताते हैं कि वाहन की हालत देखकर ही हादसे की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है।

किस सफर पर निकले, परिवार वालों को खबर न दे, दोस्तों को भी नहीं।दुर्घटना में 14 लोगों ने असमय जिंदगी खो दी। इस समूह में कई ऐसे यात्री भी थे, जिनके परिवार वालों से लेकर साथियों तक को उनके सफर के बारे में पता नहीं था। हादसे की सूचना मिलने पर सभी दुखी और सदमे में आ गए।23 यात्रियों और तीन ड्राइवरों का यह समूह चोपता-तुंगनाथ में ट्रैकिंग के लिए निकला था। इस समूह में नोएडा और अन्य जगहों से आए लोग शामिल थे। इस समूह में कई लोगों के परिवार और साथी भी उनके सफर के बारे में अनभिज्ञ थे।  हादसे में घायल वंदना के भाई आरसी शर्मा से बात की, जिन्होंने बताया कि वंदना इंश्योरेंस क्षेत्र में कार्य करती हैं।

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उन्हें नहीं पता था कि वंदना किस यात्रा में गई थी।इसी तरह, घायल कुमारी शुभम सिंह जो कि मूलत: गोरखपुर जिले की रहने वाली हैं और वर्तमान में नोएडा में पीजी में रह रही हैं। उनकी सहेली बीनू ने बताया कि कुमारी शुभम डेटा एनालिस्ट का कार्य करती हैं, उन्हें भी नहीं पता था कि उनकी सहेली किस यात्रा के लिए जा रही हैं।घटना के बारे में पता चलने पर वह भी शोक में आ गई। बताया जा रहा है कि दल में शामिल कई लोग पूर्वी उत्तर प्रदेश के निवासी थे, जो नोएडा समेत अन्य जगहों पर रहते थे।

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