यहां कि 215 महिलाओं को प्रदेश की पहली ड्रोन दीदी बनने का गौरव हुआ हासिल,अब ड्रोन की मदद से कर सकेंगी खेती
उत्तराखंड से एक बड़ी खबर सामने आ रही है खबर के मुताबिक बताया जा रहा है कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी की 215 महिलाओं को प्रदेश की पहली ड्रोन दीदी बनने का गौरव हासिल हुआ है। वीरांगना कृषक उत्पादक संगठन स्वायत्त सहकारिता से जुड़ीं इन महिलाओं को करीब नौ लाख का ड्रोन मुहैया करवाया गया है। इस ड्रोन के माध्यम से महिलाएं एक एकड़ भूमि पर पांच मिनट में कीटनाशक दवाओं और जैविक खाद का छिड़काव कर सकेंगी।
इसी के साथ ही ड्रोन की मदद से महिलाएं करीब 15 किलो सेब को अपने बगीचों से सुरक्षित स्थान तक भी पहुंचा पाएंगी। कृषि विभाग और नाबार्ड की मदद से जखोल के वीरांगना कृषक उत्पादक संगठन स्वायत्त सहकारिता की महिलाओं को ड्रोन उपलब्ध करवाया गया है। सभी महिलाएं जनपद के मोरी विकासखंड के जखोल गांव की रहने वाली हैं।
वहीं, वीरांगना कृषक उत्पादक संगठन स्वायत्त सहकारिता के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय राणा ने बताया कि सात गांव जखोल सहित धारा, कोट गांव, पाव तल्ला, पाव मल्ला सहित सुनकुंडी और सावणी की 215 महिलाएं ड्रोन दीदी बनी हैं। ड्रोन मिलने से काश्तकारों को अपनी फसलों के उत्पादन को बढ़ाने में सहयोग मिलेगा, क्योंकि खाद और दवाओं के छिड़काव में जो समय अधिक लगता था। वह समय काश्तकार अन्य कामों के लिए निकाल सकते हैं।
आपको बता दें कि कृषि विभाग और नाबार्ड की मदद से कृषि और बागवानी के क्षेत्र को तकनीकी रूप से समृद्ध किया जा रहा है। इसके लिए काश्तकारी और बागवानी क्षेत्र से जुड़े संगठनों और समूहों को ड्रोन मुहैया करवाया जा रहा है। ड्रोन के लिए कृषि विभाग की ओर से 75 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है। मुख्य कृषि अधिकारी जेपी तिवारी ने कहा कि सेब को सड़क तक पहुंचाने में अधिक समय और पैसा खर्च होता था, लेकिन ड्रोन तकनीक से किसानों का समय और पैसा दोनों बचेंगे।